केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने मध्य प्रदेश के छतरपुर में मोटे के महावीर मंदिर परिसर में अपने संन्यास के 25 वर्ष पूरे होने पर दिल के कई राज खोले और कहा कि आज की राजनीति में साजिश और चापलूसी का मेल है, जो उन्हें नहीं आती। महंत नृत्यगोपाल दास की मौजूदगी में उमा भारती ने रविवार को कहा कि उनके जीवन में नृत्यगोपाल दास की अहम भूमिका है। प्रवचन करने से लेकर संन्यास लेने तक महाराज का आशीर्वाद रहा है। उनके आशीर्वाद से ही वे आज उस मुकाम पर हैं, जिस पर पहुंचाना आसान नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि तिरंगा, गंगा और राम मंदिर के लिए उनकी जान भी कम है। उन्होंने तिरंगा के लिए मुख्यमंत्री पद को त्यागा, गंगा की सफाई की कार्य योजना बनाई और राम मंदिर के लिए अभियान चलाया। वे राजनीति में राम मंदिर निर्माण और रामराज्य की कल्पना लेकर आई।
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उन्होंने बताया कि उन्हें राजनीति में विजया राजे सिंधिया का संरक्षण हासिल रहा, उनके निधन के बाद वे अपने हिसाब से चलीं। चापलूसी और साजिश करना आती नहीं है, जबकि आज के दौर में राजनीति में साजिश और चापलूसी का मेल हो गया है। उमा ने कहा, “मेरी हाल तो उस मोगली जैसी हो गई है, जो जंगल से आकर मंत्री बन जाए। मैं भी संतों की दुनिया में थी, वह दुनिया ही अलग थी। अब मंत्री बन गई।”
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उमा भारती ने कहा कि वह मंत्री नहीं बनना चाहती थीं, उनकी इच्छा थी कि गंगा के प्रति जनजागृति लाने का अभियान चलाएं, मगर प्रधानमंत्री ने उन्हें मंत्री बने रहने को कहा। वर्तमान में गंगा मंत्रालय नितिन गडकरी के पास है, मगर वह और उस विभाग के अधिकारी भी समय-समय पर उनसे परामर्श लेते रहते हैं।
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