पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस का प्रकोप भारत में भी रोज बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि घर-घर में कोरोना पहुंचने लगा है। ऐसे में, बुजुर्गो और श्वांस और हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर के मरीजों को इस घातक वायरस के संक्रमण से बचाने की जरूरत है क्योंकि विशेषज्ञ कहते हैं कि फेफड़ा और दिल के मरीजों को कोरोना का खतरा डबल यानी दोगुना है।
Published: 16 Jun 2020, 10:36 AM IST
विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना वायरस फेफड़ा और हृदय को क्षतिग्रस्त करता है, हालांकि राहत की बात है कि भारत में अभी इस वायरस से हृदय के क्षतिग्रस्त होने के ज्यादा मामले नहीं आ रहे हैं।
पद्मभूषण डॉ नरेश त्रेहन ने कहा, “कोविड का संक्रमण मुंह, नाक से ही होकर फेफड़े में फैलता है उसे क्षतिग्रस्त करता है। ऑक्सीजन की कमी होने से रक्तवाहिनी में रक्त का थक्का जमने लगता है।” उन्होंने कहा कि सांस लेने में तकलीफ होने और शरीर में ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौत हो जाती है।
Published: 16 Jun 2020, 10:36 AM IST
ख्याति प्राप्त हृदय रोग विशेषज्ञ और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ केके अग्रवाल ने भी बताया कि कोरोना वायरस फेफड़ा और हृदय को क्षतिग्रस्त करता है। हालांकि डॉ अग्रवाल कहते हैं कि भारत में अब तक हृदय क्षतिग्रस्त होने के मामले ज्यादा नहीं आ रहे हैं।
डॉ अग्रवाल ने कहा, “भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के जो मामले आ रहे हैं उनमें लॉस ऑफ स्मेल या लॉस ऑफ टेस्ट या फीवर की शिकायतें ज्यादा मिल रही हैं।” मतलब कोरोना के ज्यादातर मरीजों में सूंघने और स्वाद लेने की शक्ति क्षीण होने या बुखार होने की शिकायतें ज्यादा मिल रही हैं।
Published: 16 Jun 2020, 10:36 AM IST
आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण का खतरा कितना बड़ा होगा? इस सवाल पर पद्मश्री डॉ. अग्रवाल ने कहा, “घर-घर में कोविड-19 फैल चुका है और जिस तरीके से लगातार फैल रहा है, अब मामले आने वाले दिनों में बढ़ जाएगी, यह चिंता की बात नहीं है, बल्कि इससे कैसे लोगों को बचाना है इस पर ध्यान देने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि यह सीरियस कोविड नहीं है, इसलिए मामले बढ़ भी जाते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है।
डॉ त्रेहन ने कहा कि बच्चों से ज्यादा बुजुर्गो को कोरोना का खतरा ज्यादा है क्योंकि बुजुर्गो में रोगप्रतिरोधी क्षमता कम होती है जबकि बच्चों में ज्यादा। कोविड-19 सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस-2 (सार्स-सीओवी-2) के संक्रमण से होने वाली बीमारी है जो सबसे पहले चीन के वुहान शहर में फैली, लेकिन अब वैश्विक महामारी का रूप ले चुकी है और पूरी दुनिया में चार लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है और इसके संक्रमण के करीब 80 लाख मामले आ चुके हैं।
Published: 16 Jun 2020, 10:36 AM IST
कोरोना वायरस संक्रमण से रिकवरी को लेकर पूछे गए सवाल पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वैज्ञानिक ने बताया कि रिकवरी इस बात पर निर्भर करती है कि आबादी में किस उम्र वर्ग के लोग ज्यादा हैं, जहां उम्रदराज लोगों की आबादी ज्यादा है वहां रिकवरी की दर कम है और कम उम्र के लोगों की आबादी जहां ज्यादा है वहां रिकवरी की दर अधिक है।
आईसीएमआर के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी), गोरखपुर के निदेशक एवं आईसीएमआर के रिसर्च मैनेजमेंट, पॉलिसी प्लानिंग एंड बायोमेडिकल कम्युनिकेशन प्रमुख डॉ. रजनीकांत श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड-19 को लेकर घबराने की जरूरत नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है।
Published: 16 Jun 2020, 10:36 AM IST
गौरतलब है कि भारत में पिछले 24 घंटों में 10,667 नए कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं और 380 मौतें हुई हैं। देश में कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या अब 343091 है, जिसमें 1,53,178 सक्रिय मामले, 1,80,013 ठीक / डिस्चार्ज / माइग्रेट और 9,900 मौतें शामिल हैं।
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(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: 16 Jun 2020, 10:36 AM IST
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Published: 16 Jun 2020, 10:36 AM IST