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आतंकी घटनाओं पर खामोश रहे मीडिया तो खत्म हो सकता है आतंकवाद: अजित डोवाल

अगर मीडिया आतंकी घटनाओं पर खामोश रहे तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा। यह कहना है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल का। डोवाल ने यह भी कहा कि आतंकी मामलों को लेकर न्यायपालिका का रुख आम अपराधों जैसा होना भी बड़ी चुनौती है। डोवाल आतंकवाद निरोधी दस्तों-एटीएस के प्रमुखों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल का मानना है कि अगर मीडिया में आतंकवादी खबरों से जुड़ी खबरें न आएं तो आतंकवाद पर काबू पाना आसान होगा। आतंकवाद निरोधी दस्तों यानी एटीएस प्रमुखों के सम्मेलन में डोवाल ने ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर के एक बयान का जिक्र किया। इस बयान में थैचर ने कहा था कि, ‘अगर आतंकवादी घटनाओं को प्रचार न मिले तो आतंकवाद को रोका जा सकता है।’ डोवाल ने कहा अगर मीडिया ऐसी घटनाओं पर खामोश रहे तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा।

इस सम्मेलन को यूं तो गृहमंत्री अमित शाह संबोधित करने वाले थे, लेकिन ऐन मौके पर उनका कार्यक्रम रद्द हो गया और अजित डोवाल ने इसे संबोधित किया। डोवाल ने आतंकवाद से जुड़े केसों की जांच की चुनौतियों को समझाते हुए कहा, “अदालतें आतंकवाद से जुड़े मामलों में भी वही रवैया अपनाती हैं तो आम अपराधों को लेकर होता है।” उन्होंने पूछा कि आतंकी घटनाओं के मामले मं आप गवाह कहां से लाओगे? उन्होंने आगे कहा कि, “सबसे बड़ी बात कि आखिर कौन ऐसी घटनाओं में सामने आकर गवाही देगा। किसी भी साधारण नागरिक के लिए बेहद मुश्किल है कि वह अदालत आकर लश्करे तैयबा जैसे खतरनाक आतंकी संगठन के खिलाफ गवाही दे।” उन्होंने नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी – एनआईए को इन चुनौतियों से निपटने में कामयाबी पर बधाई दी।

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उन्होंने नजरिया बदलने और उसके प्रबंधन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि, “आतंकवाद से लड़ाई में मीडिया एक महत्वपूर्ण अंग है। आखिर आतंकवादी लोगों को क्यों मारते हैं। जैसा कि मार्ग्रेट थैचर ने कहा था कि अगर एक आतंकी कोई घटना अंजाम देता है और मीडिया इस पर खामोश रहे तो आतंकवाद खत्म हो जाएगा।” डोवाल ने बताया कि आतंकवादी प्रचार के लिए घटनाओं को अंजाम देते हैं।, तभी वे लोगों को आतंकित कर सकते हैं। डोवाल ने तर्क दिया कि अगर लोगों को इस घटना के बारे में पता ही न चले तो लोग आखिर क्यों आतंकित होंगे।

डोवाल ने कहा, “अगर किसी के बेटा की अपहरण कर हत्या कर दी गई, तो 500 मील दूर बैठी मां भी आतंकित हो जाती है, कि कहीं उसके बेटे के साथ भी ऐसा न हो जाए। लेकिन अगर उस तक यह खबर पहुंचे ही नहीं तो वह क्यों डरेगी।” डोवाल ने कहा कि इन्हीं कारणों से मीडिया को लेकर नीति में बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कई बार जब हम मीडिया को कुछ नहीं बताते हैं तो वह कयास लगाता, जिससे समाज में और आतंक पैदा होता है, ऐसे में नजरिया बदलने का काम करना जरूरी है।

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डोवाल ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि, टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नज़र रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की पेरिस में बैठक हो रही है, और इसमें पाकिस्तान पर कड़े फैसले लिए जाने की संभावना है। डोवाल ने काहा कि पाकिस्तान अपनी धरती से आतंकवाद को पनाह देता है और फैलाता है।

डोवाल ने कहा कि, “फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की वजह से पाकिस्तान पर अब तक का सबसे बड़ा दबाव बना है। हर कोई जानता है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थक है और टेरर फंडिंग करता है।“ उन्होंने एजेंसियों से कहा कि हम किसी देश को टारगेट नहीं कर रहे. आप सबूत लाइए, फैक्ट्स दीजिए. फिर कार्रवाई होगी।

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