मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई इसी माह 17 तारीख (17 नवंबर) को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले संभावना है कि वे अयोध्या मामले पर फैसला सुनाएंगे, क्योंकि उन्हीं की अध्यक्षता वाली पीठ ने देश के इस सबसे संवेदनशील मामले की सुनवाई की थी। बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक रंजन गोगोई रिटायरमेंट के बाद असम के गुवाहाटी में शिफ्ट हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने रंजन गोगोई से संबंधित एक प्रस्ताव पारित किया है।
हाईकोर्ट की प्रोटोकॉल कमेटी ने एक प्रस्ताव तैयार किया था जिसमें जस्टिस रंजन गोगोई को निजी सचिव, कार और चपरासी देने की बात की गई थी। इस प्रस्ताव कोर्ट ने पास कर दिया।
Published: undefined
प्रस्ताव में कहा गया था कि ‘रिटायरमेंट के बाद मौजूदा सीजेई रंजन गोगोई गुवाहाटी शिफ्ट हो सकते हैं। यह यहां के हाईकोर्ट के लिए सम्मान और गर्व की बात है कि जिस वकील ने यहां कभी प्रैक्टिस की थी, वह देश की सबसे बड़ी न्यायिक संस्था के मुखिया बने। यही वजह है कि प्रोटोकॉल कमेटी ने उन्हें संस्थागत शिष्टाचार के तहत ये सुविधाएं देने के लिए प्रस्ताव रखा है।‘
हाईकोर्ट ने जिन सुविधाओं को स्वीकार किया है उनमें सीजेआई रंजन गोगोई और उनकी पत्नी की सहायता के लिए एक निजी सचिव देने, दोनों को ग्रेड 4 चपरसी देने के साथ ही एक बंग्ला और एक कार भी देने की बात है। कोर्ट एक नोडल अधिकारी नियुक्त कर देगा जो सीजेआई के से जुड़े मामलों के लिए उनके निजी सचिव से तालमेल करेगा।
Published: undefined
गौरतलब है कि सीजेआई रंजन गोगोई ने 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट से ही बतौर जज अपने करियर की शुरुआत की थी। 2010 में उनका तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में हुआ था। 2011 में वे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने थे, और इसके बाद 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे। पिछले साल यानी 3 अक्टूबर 2018 को उन्होंने देश के मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण किया था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined