कटे होंठ और तालू की सर्जरी कर 15,000 से ज्यादा लोगों को उनकी मुस्कान वापस दिलाकर उनकी जिंदगी में खुशियां लौटाने वाले शख्स ने आज दम तोड़ दिया। इस महान शख्सियत का नाम हिरजी एस अदेनवाला है, जिनका आज नब्बे वर्ष की उम्र में केरल के कोवई में निधन हो गया।
पारसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले हिरजी केरल के त्रिशूर के जुबली मिशन अस्पताल के चार्ल्स पिंटो क्लेक्ट सेंटर के निदेशक थे। अस्पताल के एक कर्मी ने उनके निधन की पुष्टि की है। उन्होंने बुधवार की सुबह कोवई में स्थित अपने बेटी के घर पर आखिरी सांस लीं।
Published: undefined
वरिष्ठ कैथोलिक पादरी और अस्पताल के निदेशक फ्रांसिस पल्लीकुन्नाथ ने फोन पर बताया कि वह फिलहाल इस महान शख्स के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए कोवई के रास्ते में हैं। उन्होंने कहा, "मैं अंतिम संस्कार के लिए समय पर पहुंचने की उम्मीद करता हूं और चूंकि मैं अंतरराज्यीय सफर कर रहा हूं, इसलिए इसमें शामिल होने के बाद वापस लौटकर मैं दो हफ्ते तक आईसोलेशन में रहूंगा।"
उन्होंने आगे बताया, "यह महान शख्स साल 1958 में संयोगवश हमारे अस्पताल में आ पहुंचे थे। मेडिसिन की पढ़ाई खत्म करने के बाद वह मिशनरी काम करना चाहते थे। शादी के बाद अपनी पत्नी के साथ अफ्रीका जाकर वह समाज सेवा से जुड़े कार्य करना चाहते थे, लेकिन उनके माता-पिता इसके लिए तैयार नहीं हुए और कुछ इस तरह से वह हमारे इस छोटे से अस्पताल संग जुड़ गए।"
Published: undefined
पल्लीकुन्नाथ आगे कहते हैं, "1958 में उन्होंने अपने इस सफर की शुरुआत की और बाद में उन्होंने एफआरसीएस की डिग्री भी हासिल की। साल 2019 के दिसंबर में उन्होंने आखिरी बार क्लेफ्ट सर्जरी किया। साल 2013 से वह कोवई में अपनी बेटी के यहां रहते थे। फरवरी में आखिरी बार उन्होंने यहां अपना काम किया और इसके बाद वह फिर नहीं आए।" उन्होंने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा कि एक बार उनसे मुलाकात होने के बाद कोई उन्हें नहीं भूलता था, क्योंकि वह बेहद जमीन से जुड़े हुए इंसान थे और उनमें बिल्कुल भी घमंड नहीं था।
Published: undefined
हिरजी एस अदेनवाला को क्लेफ्ट सर्जरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान लिए जी. मेकार्थी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। क्लेफ्ट सर्जरी के क्षेत्र में उन्हें अकसर 'आदर्श' कहकर बुलाया जाता था। उन्होंने हजारों बच्चों समेत कई लोगों के कटे होंठ और तालु की सर्जरी कर उनके चेहरे को मुस्कुराहट लौटाई है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined