बिहार में अब पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरी की नव निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों को बैठक में भाग लेने के लिए खुद आना होगा। बिहार सरकार ने जनप्रतिनिधियों का अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को बैठक के लिए मनोनीत करने का अधिकार समाप्त कर दिया है।
Published: undefined
आम तौर पर देखा जा रहा था कि पंचायती राज संस्थाओं की महिला जनप्रतिनिधि अपनी जगह अपने पति या फिर अन्य किसी को अपना प्रतिनिधि मनोनीत कर बैठकों में भेज देती थीं, जिससे बैठक में सही जानकारी नहीं मिल पाती थी। इस आदेश के बाद अब पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरी की बैठकों में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अलावा किसी और के शामिल होने पर रोक लगा दी गई है।
Published: undefined
माना जा रहा है कि सरकार ने महिला मुखियाओं के पतियों पर नकेल लगाने के लिए यह आदेश जारी किया है। राज्य के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने गुरुवार को कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और ग्राम कचहरी के लिए जो महिला जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुई हैं, उनकी जगह पर कोई अन्य व्यक्ति बैठकों में शामिल नहीं होगा।
Published: undefined
पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि समय-समय पर त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की बैठक आयोजित की जाती है। इसमें महिला जनप्रतिनिधि स्वयं शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि अब तक अगर कोई जनप्रतिनिधि अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराती रही हैं, तो अब इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि महिला प्रतिनिधि की बैठक में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सभी पदाधिकारियों को सख्ती से आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
Published: undefined
गौरतलब है कि बिहार में आम तौर पर देखा जाता रहा है कि महिला मुखिया और अन्य पंचायती राज प्रतिनिधियों की जगह उनके पति ही ज्यादा सक्रिय रहा करते हैं। ऐसे में इस आदेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि अब ऐसे पतियों पर अब नकेल लगेगी।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined