जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शुक्रवार को डल झील में सैकड़ों मछलियां एक साथ मृत पाई गई। स्थानीय लोग डल झील के पानी में सैकड़ों की तादाद में मरी हुई मछलियों को देख कर हैरान रह गए, लेकिन प्रशासन खामोश है। इसको लेकर विशेषज्ञों ने अलग-अलग कारण की आशंका जाहिर करते हुए गहरी चिंता जताई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एक साथ सैकड़ों मछलियों की मौत के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रदूषण के कारण झील के पानी में ऑक्सीजन की कमी भी शामिल है। एक विशेषज्ञ ने कहा, झील के विभिन्न हिस्सों में अपशिष्टों का निर्वहन, खरपतवारों का विकास झील में मछलियों के बीच बड़े पैमाने पर मृत्यु दर के मुख्य कारण हो सकते हैं।
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हाल ही में डल झील में एक अज्ञात मछली प्रजाति पाई गई थी जिसे एलिगेटर गार फिश कहा जाता है। एलिगेटर गार फिश एक आक्रामक जीव है जो झील के पानी के अंदर मछली, खरपतवार को खा जाता है। एलीगेटर गार फिश, जो उत्तरी अमेरिका में मुख्य रूप से पाया जाता है और भोपाल और केरल के कुछ हिस्सों में है, डल झील में कैसे आया? यह रहस्य बना हुआ है। इस मछली की प्रजाति को पालना भारत में बैन है।
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इस पर विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। अधिकांश का कहना है कि इस मछली की प्रजाति को कुछ मछली प्रेमी ने एक्वेरियम के लिए लाया होगा। एक अन्य इचिथोलॉजिस्ट (मछलियों का अध्ययन करने वाले जीवविज्ञानी) ने कहा कि एक बार जब मछली बड़े आकार की हो जाती है, तो ग्लास एक्वेरियम का मालिक इसे झील में डाल सकता है। यह एक बहुत ही संभावित कारण लगता है।
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डल झील में मछलियों की बड़े पैमाने पर मौत का वास्तविक कारण जो भी हो, जब तक अधिकारी इसे प्रकृति की चेतावनी के रूप में नहीं लेते, झील के अंदर जीवन विलुप्त होता रहेगा। इस बीच इस घटना से डल झील के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों में चिंता गहराती जा रही है और वे खौफ में हैं।
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