प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जिस जिलाधिकारी का ट्रांसफर हो गया था, फिलहाल उस फैसले को वापस लेते हुए ट्रांसफर को रोक दिया गया है। जी हां हम बात कर रहे हैं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा की। अब सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा का ट्रांसफर आदेश जारी होने के 24 घंटे से भी कम समय में रुक गया।
बता दें, प्रोन्नति के बाद शर्मा का ट्रांसफर शुक्रवार को प्रयागराज के मंडलायुक्त पद पर कर दिया गया था, लेकिन बाद में ऊपर से मिले संकेत के बाद शासन को अपना ये फैसला बदलना पड़ा।
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बनारस को जानने वाले जानते हैं कि यह समय सावन का है और सावन के बीच अमूमन वहां तबादले नहीं होते। कम से कम डीएम और एसपी के तो बिलकुल नहीं। शर्मा का तबादला रूटीन में इसलिए ज़ारी हो गया था कि उनका प्रोमोशन हुआ था और ऐसे में उन्हें नया पद ज्वाइन करना ही था। उन्हें आयुक्त प्रयागराज मण्डल बनाया गया था। वाराणसी में सावन का महीना वैसे भी काफ़ी संवेदनशील माना जाता है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी नहीं चाहते कि इसके बीच किसी नए और वारणसी से कम परिचित अफ़सर को वहां की कमान सौंपी जाए।
पुराना आदेश निरस्त करते हुए कौशल राज शर्मा को वाराणसी के डीएम पद पर बने रहने का नया फरमान आनन फानन में जारी किया गया, उसके बाद चर्चाएं होने लगी थीं।
सूत्रों की मानें तो शर्मा का तबादला रोकने की पहल वाराणसी में पीएम कैम्प कार्यालय (स्थानीय सांसद होने के नाते) से हुई और उसी की पहल के बाद खुद प्रधानमंत्री कार्यालय ने हस्तक्षेप किया। बताते हैं कि सावन के दो सोमवार बाकी होने और मोदी की प्राथमिकता वाली कुछ अन्य योजनाएं पूरी न होने तक उन्हें वहीं रखे जाने का आदेश हुआ है। बताते हैं कि शासन को यह भी कहा गया है कि पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किसी भी प्रशासनिक फेरबदल से पहले पीएमओ को ज़रूर सूचित किया जाए।
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कौशल राज शर्मा मूल रूप से हरियाणा के भिवानी जिले के रहने वाले हैं। उनका जन्म 5 अगस्त 1978 को हुआ है।
कौशल राज शर्मा ने 2006 में आईएएस की परीक्षा पास की और यूपी कैडर में शामिल हुए। इसके पहले इन्होंने टेक्सटाइल इंजीनियरिंग से एमटेक और फिर एमए पब्लिक पॉलिसी की पढ़ाई की है।
वाराणसी से पहले वह प्रयागराज, कानपुर जैसे बड़े जिलों में डीएम रह चुके हैं। दो नवंबर 2019 को जब लोकसभा चुनाव में जीतकर भाजपा दोबारा सत्ता में आई थी, तब सरकार ने पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की कमान कौशल राज शर्मा को दी थी।
तब से लेकर आज तक वह इस पद पर बने रहे। इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की कई परियोजनाओं को आगे बढ़ाया।
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2019 में जब कौशल राज शर्मा ने वाराणसी के डीएम का पदभार संभाला था, तब BJP की सरकार काफी विवादों में घिरी थी।
कौशल राज शर्मा ने कमान संभालते ही केंद्र और राज्य सरकार की तमाम परियोजनाओं में तेजी लाने का काम किया। फिर वह काशी विश्वनाथ कॉरिडोर हो या वाराणसी की सड़कों के चौड़ीकरण का। कोरोना काल में भी डीएम कौशल राज शर्मा ने काफी मेहनत की।
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