देश में कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार कम होने के बाद तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। जानकारों का कहना है कि अगर तीसरी लहर आई तो उसमें डेल्टा प्लस वैरिएंट एक मुख्य कारक के रूप में काम कर सकता है। ऐसे में आईसीएमआर ने देश में कोरोना की तीसरी लहर की संभावना पर एक अध्ययन प्रकाशित किया है।
Published: 26 Jun 2021, 10:02 AM IST
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में अगर कोरोना की तीसरी लहर आई तो यह दूसरी लहर जितनी गंभीर नहीं होगी। हालांकि टीकाकरण के प्रयासों में तेजी से बढ़ोतरी ना सिर्फ कोरोना बल्कि भविष्य में किसी अन्य लहर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
Published: 26 Jun 2021, 10:02 AM IST
स्टडी में कहा गया है कि संक्रमण आधारित प्रतिरक्षा क्षमता यह इम्युनिटी कैपेसिटी समय के साथ कम हो सकती है। ऐसे में पहले से संक्रमण की चपेट में आ चुके लोग एक बार फिर संक्रमित हो सकते हैं। आईसीएमआर द्वारा हाल ही में की गई एक अन्य स्टडी में यह बात सामने आई है कि प्रेग्नेंट महिलाएं भारत में दूसरी कोरोना लहर के दौरान पहले की तुलना में अधिक गंभीर रूप से प्रभावित हुईं हैं। इस साल मृत्यु दर और संक्रमित मामलों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
Published: 26 Jun 2021, 10:02 AM IST
आईसीएमआर के डायरेक्टर-जनरल (डीजी) डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जा सकता है। टीकाकरण गर्भवती महिलाओं के लिए उपयोगी है।
Published: 26 Jun 2021, 10:02 AM IST
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Published: 26 Jun 2021, 10:02 AM IST