झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को मोदी सरकार द्वारा संसद में पेश केंद्रीय बजट पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पत्रकारों के एक सवाल पर उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि झारखंड को वे कितना दे रहे हैं और इसके बदले में झारखंड से कितना ले रहे हैं? सोरेन ने कहा कि वे पूरी जानकारी लेने के बाद केंद्रीय बजट पर अपनी राय रखेंगे।
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वहीं, हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "देश की 60 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर है और किसानों का हाल देखिए..., अरबपति मित्रों को अरबों-अरब की छूट और देश के अन्नदाताओं के बजट की लूट। उन्हें सिर्फ़ और सिर्फ़ चुनावों से मतलब है।"
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जेएमएम के प्रवक्ता और केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा कि इसमें नौकरी की आस लगाए बैठे युवाओं को मायूसी हाथ लगी है। उन्हें अप्रेंटिसशिप देने के नाम पर झुनझुना थमाया गया है। महंगाई के नियंत्रण पर कोई बात नहीं की गई है। देश को सबसे ज्यादा खनिज संपदा देने वाले झारखंड के लिए बजट में कुछ भी नहीं है।
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सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि आंध्रप्रदेश और बिहार के मिडिल क्लास के लोग जो थोड़ी-बहुत बचत करते थे, उन्हें भी हतोत्साहित किया गया है। यही वजह है कि बजट पेश होते ही सेंसेक्स नीचे गिर गया। पांच ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने का दावा करने वाली सरकार का यह बजट 'खोदा पहाड़ निकली चुहिया' जैसा है।
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