उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर बढ़ता जा रहा है। यहां हालांत ये हैं कि राजधानी में कार्यरत लगभग 30 प्रतिशत हेल्थ वर्कर कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। इनमें प्रमुख कोविड अस्पतालों के डॉक्टर, नर्स, तकनीशियन, वार्ड बॉय और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं। इससे विभिन्न अस्पतालों में कोविड की सेवाओ पर काफी असर पड़ा रहा है।
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राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि यहां एक दिन में 40 डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। यह बीमारी इतनी संक्रामक है कि हर बार जो टीम 14 दिवसीय कोविड ड्यूटी पर जाती है, उनमें से लगभग एक-चौथाई पॉजिटिव होकर लौटते हैं। उन्होंने कहा कि उनमें से कई होम आइशोलेशन में हैं, जबकि कुछ अस्पताल में भर्ती हैं।
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राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भी 2,000 कर्मचारियों में से कम से कम 600 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। आरएमएलआईएमएस के प्रवक्ता डॉ श्रीकेश सिंह ने कहा करीब 30 फीसदी स्टाफ संक्रमित हैं। वहीं गैर-कोविड टीम कोविड मरीजों की पहचान करते हुए भी संक्रमित हो रही है। उन्होंने आगे कहा, "हमने अपने कर्मचारियों को लगभग पूरी तरह से टीका लगाया है और काम करते समय उन्हें और सुरक्षित रहने को भी कहा है।"
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इसी तरह की स्थिति बलरामपुर अस्पताल में भी है, जहां पिछले 72 घंटों में, 15 डॉक्टरों सहित कम से कम 24 स्टाफ सदस्य कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। बलरामपुर अस्पताल में कोविड फैसिलिटीज के नोडल अधिकारी डॉ वी के पांडे ने कहा कि टेस्टिंग यूनिट को स्वच्छता के लिए 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है।
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