कनाडा में टोरंटो के नजदीक ब्रैम्पटन हिंदू मंदिर पर कुछ हुड़दंगियों ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि हमलावर खालिस्तान समर्थक हैं और उन्होंने मंदिर में घुसकर लोगों को लाठी-डंडों से पीटा। इसमें कई लोगों को चोटें आई हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस हमले की निंदा की है, वहीं कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने कहा है कि चरमपंथियों ने रेडलाइन क्रॉस कर दी है।
इस हमले का एक वीडियो सामने आया है जिसमें दर्जनों लोगों को टोरंटो के पास हिंदू सभा मंदिर पर हमला करते और भक्तों को पीटते हुए दिखाया गया है। इस हमले की ऑन्टेरियो सिख एंड गुरुद्वारा काउंसिल ने निंदा की है। काउंसिल ने एक बयान में कहा है कि काउंसिल सभी समुदायों की सुरक्षा और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह की घटनाओं से माहौल खराब होता है।
Published: undefined
कनाडा के ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने भी इस हमले के बारे में बयान जारी किया है। 4 नवंबर को जारी बयान में कथित खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा की गई है। बयान में कहा गया है कि "हमने आज (3 नवंबर) टोरंटो के पास ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के साथ मिलकर आयोजित वाणिज्य दूतावास शिविर के बाहर भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक व्यवधान देखा है। यह देखना बेहद निराशाजनक है कि हमारे वाणिज्य दूतावास द्वारा स्थानीय सह-आयोजकों के पूर्ण सहयोग से आयोजित किए जाने वाले नियमित वाणिज्य दूतावास संबंधी कार्यों में इस तरह की रुकावट पैदा की जा रही हैं। हम भारतीय नागरिकों सहित आवेदकों की सुरक्षा के लिए भी बहुत चिंतित हैं, जिनकी मांग पर ही इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारत विरोधी तत्वों के इन प्रयासों के बावजूद, हमारा वाणिज्य दूतावास भारतीय और कनाडाई आवेदकों को 1000 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र जारी करने में सक्षम रहा।"
Published: undefined
इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी हमले की निंदा की और कहा कि हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है। ट्रूडो ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा अस्वीकार्य है। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।"
Published: undefined
उधर कनाडाई संसद के एक प्रमुख सदस्य, चंद्र आर्य, ने कहा है कि भारत विरोधी चरमपंथियों ने “लाल रेखा” पार कर दी है। आर्य ने कहा कि उन्हें लगता है कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने कनाडा की कानून प्रवर्तन एजेंसियों में घुसपैठ कर ली है। मुझे लगने लगा है कि इन रिपोर्टों में थोड़ी सी सच्चाई है कि कनाडाई राजनीतिक तंत्र के अलावा, खालिस्तानियों ने हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों में प्रभावी ढंग से घुसपैठ की है। कोई आश्चर्य नहीं कि ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के तहत खालिस्तानी चरमपंथियों को खुली छूट मिल रही है।
Published: undefined
घटना के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक 3 नवंबर को ब्रैम्पटन हिंदू सभा मंदिर के पास हुई घटना में खालिस्तानी चरमपंथियों ने विरोध प्रदर्शन किया और भारतीय तिरंगे को थामे एक समूह के साथ उनकी झड़प हो गई। वीडियो फुटेज से पता चलता है कि खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने विरोधी समूह पर हमला किया। मंदिर में आने वाले कई लोग सुरक्षा की तलाश में मंदिर परिसर में भाग गए, जिससे चरमपंथियों ने मंदिर पर हमला कर दिया। इससे पहले, विंडसर, मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन में मंदिरों को भी इसी तरह की तोड़फोड़ का सामना करना पड़ा था, जिसकी कनाडाई और भारतीय नेताओं ने निंदा की थी।
कनाडा और भारत के बीच संबंधों में लगातार खटास आती जा रही है और इसमें और कड़वाहट उस आरोप के बाद बढ़ गई जब कनाडा ने 45 वर्षीय कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की 2023 में वैंकूवर में हुई हत्या की साजिश रचने का आरोप भारत सरकार पर लगाया था। निज्जर एक प्रमुख खालिस्तान कार्यकर्ता था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined