राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट में वकील राजीव धवन ने सुन्नी वक्फ बोर्ड का पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान वकील राजीव धवन ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड का इस मामले में दखल देने का कोई हक नहीं है। उन्होंने आगे कहा, “जैसे तालिबान ने बामियान को नष्ट कर दिया था। ठीक उसी तरह हिंदू तालिबान ने बाबरी मस्जिद को नष्ट कर दिया।”
वहीं शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह इस विवाद को शांति से सुलझाना चाहता है। शिया वक्फ बोर्ड ने यह भी कहा कि वह खुद बाबरी मस्जिद का संरक्षक है, सुन्नी वक्फ बोर्ड या अन्य कोई देश में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व नहीं करता।
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पिछली सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा था, “इस्लाम में मस्जिद की काफी अहमीयत है। मस्जिदों को मनोरंजन के लिए नहीं बनाया जाता है। सैकड़ों लोग वहां पर नमाज पढ़ते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने सुन्नी और शिया वक्फ बोर्ड का पक्ष सुनने बाद कहा कि 20 जुलाई से इस मामले की लगातार सुनवाई होगी।
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