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हिंदू सेना ने दिल्ली में लगाए 'भगवा जेएनयू' के पोस्टर, JNU जाने वाली सड़क को भगवा झंडों से पाटा, पुलिस ने हटाया

इसी महीने 10 अप्रैल को कैंपस में लेफ्ट विंग और एबीवीपी के छात्रों के बीच हुई हिंसा के बाद विश्वविद्यालय फिर से राजनीति का केंद्र बन गया है। रामनवमी के अवसर पर मांसाहारी भोजन को लेकर कथित रूप से शुरू हुई हाथापाई के दौरान कम से कम 16 छात्र घायल हो गए थे।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

दक्षिणपंथी संगठन हिंदू सेना के सदस्यों ने शुक्रवार सुबह राजधानी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) जाने वाली सड़क से लेकर परिसर तक भगवा झंडों और भगवा जेएनयू लिखे पोस्टर से पाट दिया। इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस ने सभी झंडों और पोस्टर को हटा दिया।

पुलिस ने इस मामले में कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) मनोज सी. ने कहा, "आज सुबह यह पता चला कि जेएनयू के पास की सड़क और आसपास के इलाकों में कुछ झंडे और बैनर लगाए गए हैं। हाल की घटनाओं को देखते हुए इन्हें तुरंत हटा दिया गया और उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है।"

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हिंदू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरजीत यादव ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कुछ छात्रों ने भगवा का अपमान किया है। यादव ने कहा, "हिंदू सेना उन्हें चेतावनी देती है। हम आपका सम्मान करते हैं, हर धर्म और हर विचार प्रक्रिया का सम्मान करते हैं। लेकिन जेएनयू में जिस तरह से भगवा का अपमान किया जा रहा है, हिंदू सेना इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ कड़े कदम उठा सकती है।"

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जेएनयू के बाहर मुख्य सड़क पर भगवा झंडे के अलावा कुछ बैनर भी लगाए गए थे जिन पर लिखा था- 'भगवा जेएनयू'। इसी तरह की भावनाओं को व्यक्त करते हुए हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अपने संगठन के उपाध्यक्ष द्वारा भगवा झंडे और बैनर लगाने की पुष्टि की। गुप्ता ने कहा, "यह बहुत गलत है कि जेएनयू में भगवा का लगातार अपमान किया जा रहा है। केसरिया भारत की संस्कृति में है। किसी को भी इसका विरोध नहीं करना चाहिए।"

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गौरतलब है कि 10 अप्रैल को कैंपस में लेफ्ट विंग और एबीवीपी के छात्रों के बीच हुई हिंसा के बाद विश्वविद्यालय फिर से राजनीति का केंद्र बन गया है। रामनवमी के अवसर पर मांसाहारी भोजन को लेकर कथित रूप से शुरू हुई हाथापाई के दौरान कम से कम 16 छात्र घायल हो गए थे।

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