हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मंगलवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट में हिमाचल प्रदेश को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है और आपदा से उबरने के लिए उसे कुछ भी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि कहा कि बजट में भेदभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
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सीएम सुक्खू ने एक बयान में कहा कि बजट में भेदभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है, क्योंकि बिहार और आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगी दलों को पुरस्कृत किया गया है, लेकिन पिछले साल की मानसून आपदा के लिए विशेष पैकेज के हिमाचल के वैध दावे का बजट में कोई उल्लेख नहीं है।
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उन्होंने कहा, “जीएसटी मुआवजे की समाप्ति ने हिमाचल प्रदेश को एक अनिश्चित वित्तीय स्थिति में डाल दिया है, जिसके परिणामस्वरूप वार्षिक घाटा हो रहा है, जिसे राज्य वहन नहीं कर सकता। इस नुकसान को कम करने और हमारे राज्य की राजकोषीय स्थिरता का समर्थन करने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश के अनुरूप एक विशेष वित्तीय पैकेज की तत्काल आवश्यकता थी।”
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वहीं, राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने केंद्रीय बजट को "विकसित भारत" के लक्ष्य को प्राप्त करने में मील का पत्थर बताया और कहा कि महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता ठाकुर ने यहां जारी एक बयान में कहा कि कर स्लैब में बदलाव मध्यम वर्ग के लिए राहत लेकर आया है।
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