हालात

हिमाचल सीएम ने अंतरिम बजट पर जताई निराशा, प्रदेश के हितों की अनदेखी करने का लगाया आरोप

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार फिर, बजट में हिमाचल प्रदेश के हितों की अनदेखी की गई है। यह अच्छी तरह से जानते हुए भी कि हाल की आपदा के दौरान राज्य को जान-माल का भारी नुकसान हुआ है, एक पैसा भी प्रदान नहीं किया गया है।

हिमाचल सीएम ने अंतरिम बजट पर जताई निराशा, प्रदेश की अनदेखी का लगाया आरोप
हिमाचल सीएम ने अंतरिम बजट पर जताई निराशा, प्रदेश की अनदेखी का लगाया आरोप फोटोः IANS

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने गुरुवार को मोदी सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश अंतरिम केंद्रीय बजट को निराशाजनकर बताते हुए कहा कि यह लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। उन्होंने कहा कि एक बार फिर केंद्रीय बजट में हिमाचल प्रदेश के हितों की अनदेखी की गई है।

Published: undefined

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि अंतरिम बजट महज लोगों को अपने लुभावने वादों में फंसाने का वित्तीय जाल है। बजट का फोकस अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की बजाय मतदाताओं को लुभाने पर है। मुख्यमंत्री ने कहा, "एक बार फिर, बजट में हिमाचल प्रदेश के हितों की अनदेखी की गई है। यह अच्छी तरह से जानते हुए भी कि हाल की आपदा के दौरान राज्य को जान-माल का भारी नुकसान हुआ है, एक पैसा भी प्रदान नहीं किया गया है।"

Published: undefined

उन्होंने कहा, "राज्य के लिए रेल नेटवर्क के विस्तार का कोई जिक्र नहीं किया गया। हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों, जहां मेट्रो रेल शुरू नहीं की जा सकती, के लिए किसी तीव्र जन परिवहन प्रणाली का भी कोई जिक्र नहीं है।" उन्होंने कहा कि हालांकि बजट भाषण में हरित और सौर ऊर्जा का उल्लेख किया गया है, लेकिन इस बारे में कोई स्पष्ट रोडमैप नहीं है कि हरित और सौर ऊर्जा पहल कैसे हासिल की जाएगी।

Published: undefined

सीएम ने कहा, “मध्यम वर्ग को कोई अतिरिक्त कर राहत नहीं दी गई है, हालांकि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बजट में महंगाई पर काबू पाने का कोई जिक्र नहीं है।'' उन्होंने कहा कि रसोई गैस की कीमतें पहले से ही ऊंची हैं और आम लोगों को राहत देने के लिए डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कोई कमी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि वेतनभोगी, गरीब और मध्यम वर्ग के लिए कुछ नहीं है।

Published: undefined

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट में केवल पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को ध्यान में रखा गया है। बजट ने केंद्र सरकार का गरीब विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है। करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) वसूलने के अलावा आयकर और अन्य करों में कोई अतिरिक्त रियायत नहीं दी गयी है। उन्होंने कहा, ''बजट ने स्वास्थ्य क्षेत्र को भी दरकिनार कर दिया है।''

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined