कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को राज्य सरकार को सभी स्कूल-कॉलेज खोलने का आदेश दिया। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि अंतिम आदेश आने तक छात्रों के लिए किसी भी धार्मिक प्रतीक या पोशाक पहनने की अनुमति नहीं होगी। अदालत के इस अंतरिम आदेश के बाद अब स्कूल-कॉलेजों में हिजाब और भगवा शॉल दोनों का उपयोग बंद करना होगा।
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कर्नाटक में मार्च में राज्य बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं और हिजाब विवाद के कारण पूरे प्रदेश में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। इससे छात्रों का नुकसान हो रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी कर शिक्षण संस्थान खोलने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि वह स्कूल-कॉलेजों को पुन: खोलने के लिए आदेश जारी कर रहा है। साथ ही मामले का निस्तारण होने तक छात्र किसी भी प्रकार के धार्मिक वस्त्र यानी स्कार्फ, गमछे आदि पहनने की जिद न करें। सरकार को शांति और सद्भाव बनाए रखना चाहिए।
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हिजाब विवाद पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस. दीक्षित और न्यायमूर्ति खाजी जयबुन्नेसा मोहियुद्दीन की तीन सदस्यीय पीठ ने अंतरिम आदेश दिया। पीठ ने कहा कि राज्य में शांति लौटनी जरूरी है और स्कूल और कॉलेज जल्द ही खुलने चाहिए। पीठ ने कहा कि हम हिजाब विवाद के मामले में अंतरिम आदेश देना चाहते हैं। हम हर दिन मामले की सुनवाई करेंगे। इसके साथ ही पीठ ने मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी।
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इससे पहले बुधवार को एकलपीठ के मामले को बड़ी बेंच के पास भेजने के बाद गुरुवार सुबह कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रितु राज अवस्थी ने मामले पर अपनी अध्यक्षता में जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी को शामिल करते हुए तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ का गठन किया। इस बीच मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, लेकिन शीर्ष अदालत ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करने को कहा।
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