उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में पिछले 24 घंटों में गर्मी से संबंधित बीमारियों से 14 और मरीजों की मौत हो गई, जिससे लू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 68 हो गई है। राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति ने बांसडीह और गरवार विकास खंडों के उन गांवों का दौरा किया जहां सबसे अधिक जनहानि हुई है। बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) जयंत कुमार ने कहा, 'पिछले 24 घंटों में कुल 178 नये रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 14 की मौत हो गई है। जिनकी मौत हुई है वे विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे।
मेडिकल केयर के डायरेक्टर डॉ. केएन तिवारी और इन्फेक्शस डिजीज के डायरेक्टर डॉ. एके सिंह के नेतृत्व में टीम ने कुछ मृतकों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और अध्ययन किया कि क्या कोई विशिष्ट पैटर्न देखा जा सकता है।
सिंह ने कहा, हमने कुछ परिवारों से बात की और पता चला कि मृतक लंबे समय से अस्वस्थ थे। उनमें से एक को टीबी था। लेकिन गांवों में भीषण गर्मी और लू का प्रकोप है। उन्होंने कहा कि गांवों में बिजली कटौती से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
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ऐसे ही एक गांव परबतपुर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ट्रांसफॉर्मर की खराबी के कारण दो सप्ताह से अधिक समय से गांव के आधे से अधिक हिस्से में बिजली नहीं है। राहत उपाय शुरू करने के लिए जिले के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। सिंह ने कहा कि जिन मरीजों का इलाज चल रहा है, उनके कई ब्लड सैंपल एकत्र किए गए और जांच के लिए भेजे गए।
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बलिया जिला अस्पताल (डीएच) में मौतों के कारणों पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर सिंह ने कहा, डीएच रेफरल केंद्र है और मरीजों का बोझ अधिक है, इसलिए मौतों की संख्या भी आनुपातिक है।
डॉ सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल के उन वाडरें में अतिरिक्त एयर कूलर लगाए गए हैं जहां कुछ मरीजों ने असहनीय गर्मी का सामना करने की शिकायत की थी। इसके अलावा, उपचार की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त नर्सों और फार्मासिस्टों को तैनात किया गया है।
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