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लोकसभा में DMK सांसदों और स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया के बीच तीखी बहस, AIIMS मदुरै पर गलत जानकारी देने का लगाया आरोप

डीएमके के सदस्यों ने कहा कि एम्स मदुरै तैयार नहीं है तो मांडविया ने उन पर सदन को गलत जानकारी देने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

डीएमके शासित तमिलनाडु में राजनीतिक दांव कितना ऊंचा है, यह शुक्रवार को लोकसभा में उस समय स्पष्ट हो गया, जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की द्रमुक सांसदों के साथ बहस हुई। हाई-वोल्टेज ड्रामा प्रश्नकाल के दौरान हुआ, जब डीएमके सांसद टीआर बालू ने स्वास्थ्य मंत्री से देश में उचित बुनियादी ढांचे के बिना काम कर रहे मेडिकल कॉलेजों की संख्या और उन कॉलेजों की संख्या के बारे में जानना चाहा जिनकी नींव प्रधानमंत्री ने रखी है।

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इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजनीति किसी भी मुद्दे पर खेली जा सकती है, लेकिन अगर सम्मानित सदस्य मदुरै में एम्स के बारे में पूछने की कोशिश कर रहे हैं, तो मैं बताना चाहता हूं कि वहां पाठ्यक्रम शुरू हो चुके हैं, केवल बुनियादी ढांचा पूरा होना बाकी है। डीएमके के सदस्यों ने कहा कि एम्स मदुरै तैयार नहीं है तो मांडविया ने उन पर सदन को गलत जानकारी देने और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया

जब डीएमके सांसद दयानिधि मारन और के कनिमोझी ने विरोध किया तो स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चूंकि तमिलनाडु सरकार ने समय पर भूमि आवंटित नहीं की, इसलिए मदुरै एम्स के लिए बुनियादी ढांचा समय पर पूरा नहीं किया जा सका। डीएमके सांसदों ने विरोध किया तो सत्ता पक्ष के सदस्य भी अपनी सीटों से उठ गए और दोनों पक्षों को बहस करते देखा गया।

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इस पर मंडाविया ने कहा कि चूंकि उन्होंने तमिलनाडु में कई मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की थी, जो उचित बुनियादी ढांचे के बिना काम कर रहे थे, यह (द्रमुक सांसदों द्वारा विरोध) उस कार्रवाई की प्रतिक्रिया थी।

स्वास्थ्य मंत्री ने लोकसभा को आगे बताया कि चूंकि एम्स मदुरै जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) द्वारा वित्त पोषित एक परियोजना थी और उनके प्रतिनिधि महामारी के कारण पिछले दो वर्षों के दौरान भारत का दौरा नहीं कर सके थे, इसलिए परियोजना की लागत 1900 करोड़ रुपये बढ़ाई गई थी।

डीएमके सांसदों ने आरोप लगाया कि मंत्री उन्हें धमकी दे रहे थे, जिस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मंत्री ने किसी को विशेष रूप से संकेत नहीं दिया था और सामान्य अवलोकन कर रहे थे। स्पीकर ओम बिरला ने डीएमके सांसद बालू को आश्वासन दिया कि वह रिकॉर्ड से मंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों को हटाने के मामले को देखेंगे।

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