बिहार में आईएएस अधिकारी के.के. पाठक को शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद से ही विभाग चर्चा में है। इस बीच, शीत लहर और कड़ाके की ठंड को लेकर स्कूलों में आठ वर्ग तक की कक्षाओं में छुट्टी को लेकर अपर मुख्य सचिव और जिलाधिकारी में ठनती दिख रही है।
पटना के जिलाधिकारी ने जहां ठंड को लेकर स्कूलों में छुट्टी देने का निर्देश दिया है, वहीं विभाग इसे गलत बता रहा है।
दरअसल, पिछले दिनों विभाग के अपर मुख्य सचिव पाठक लंबी छुट्टी पर गए थे, जब लौटे तब ठंड के मद्देनजर कई जिलों में स्कूल की छुट्टियां देखकर भड़क गए। उन्होंने एक आदेश जारी कर ठंड के मद्देनजर जिलाधिकारियों द्वारा स्कूलों के बंद करने को लेकर सवाल उठाते हुए सभी प्रमंडल के आयुक्तों को पत्र लिखा। पत्र में सर्दी और शीतलहर के कारण स्कूलों को बंद करने के आदेश को अवैध करार दिया है।
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के.के. पाठक ने सवाल उठाए हैं कि बिहार में कैसी सर्दी या शीतलहर चल रही है जो सिर्फ स्कूलों पर ही गिर रही है, कोचिंग संस्थानों पर नहीं? पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों सर्दी और शीतलहर के चलते विभिन्न जिलों में भांति-भांति के आदेश जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किये गए। इन आदेशों को देखने से यह प्रतीत होता है कि ये आदेश धारा-144 के तहत किए गए हैं।
इस पत्र के बाद पटना के जिलाधिकारी ने जिले में ठंड का मौसम और कम तापमान के मद्देनजर 16 जनवरी 2024 के आदेश को विस्तारित करते हुए सभी निजी, सरकारी विद्यालयों, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं कोचिंग सेन्टर में वर्ग-8 तक शैक्षणिक गतिविधियों पर 23 जनवरी तक बंद रखने के निर्देश दे दिया।
इसके बाद शिक्षा विभाग के माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को सभी सरकारी स्कूल खोलने के निर्देश दे दिए।
उन्होंने कहा कि छुट्टी करने के पहले शिक्षा विभाग से निर्देश लेना अनिवार्य है।
इधर, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर ने कहा कि ठंड को लेकर आठवीं तक स्कूलों, कोचिंग को बंद करने का आदेश न्यायिक है। शिक्षा विभाग के अधिकारी को पत्र निर्गत करने के पहले विधि विभाग से परामर्श लेना चाहिए था।
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