मणिपुर हिंसा और दो महिलाओं को नग्न परेड कराने के मामले आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। इससे पहले मणिपुर वीडियो मामले की पीड़िताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। पीड़िताओं ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ लगाई अपनी याचिका में कहा है कि इस मामले में जल्द से जल्द न्याय किया जाए। याचिका में पीड़िताओं की पहचान नहीं है।
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दरअसल, मणिपुर में तीन मई को हिंसा शुरू हुई थी। इसके अगले दिन चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया था। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा था कि जल्द ऐसी सख्त कार्रवाई करें, जिसका असर जमीन पर दिखे नहीं तो हम कार्रवाई करेंगे।
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इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को बताया की कि उसने मणिपुर में भीड़ द्वारा दो युवा आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने के वायरल वीडियो के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि मामला शुक्रवार देर रात दर्ज किया गया। मणिपुर सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले को आगे की जांच के लिए सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया था। इस वीडियो की देश भर में निंदा हुई थी और विपक्ष संसद में इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा है।
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