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‘भगवाधारी उसकी जान लेने पर आमादा थे, वह कांप रहा था, मैंने उसे  मां की तरह अपनी छाती में छिपा लिया’

भगवाधारी उसकी जान लेना चाहते थे। वे चिल्ला रहे थे, मुस्लिम है, इसके टुकड़े कर दो। तभी फरिश्ते की तरह वहां गगनदीप सिंह पहुंचते हैं, और खौफ से कांपते युवक की तरफ बढ़ते हाथों को रोकते हैं, चीते की सी फुर्ती के साथ वे उसे अपने सीने में ऐसे छिपा लेते हैं, जैसे मां अपने बच्चे को। 

वीडियो ग्रैब
वीडियो ग्रैब भगवाधारियों से मुस्लिम युवक को बचाते गगनदीप सिंह

"ये तो मैं नही कह सकता कि यह इत्तेफ़ाक़ था या मेरी किस्मत, मगर उस दिन गर्जिया मंदिर के चौकी इंचार्ज छुट्टी चले गए तो मुझे उनकी गैर-मौजूदगी में वहां भेज दिया गया। मैं मंदिर के गेट पर था, इस दिन बहुत भीड़ थी यहां, बहुत खूबसूरत लोकेशन है और यहां अक्सर भीड़ रहती भी है। नहर के किनारे अचानक शोर हुआ भीड़ में कुछ लोग एक लड़के के साथ मारपीट कर रहे थे, उसके साथ एक लड़की भी थी। लड़का-लड़की दोनों बालिग़ दिख रहे थे। मैं दौड़कर पहुंचा और अपने साथ वाली महिला दारोगा को लड़की को सुरक्षित अलग ले जाने के लिए कहा। मैंने लड़के को भीड़ से छीन लिया। मैं चिल्ला रहा था, कोई इसे हाथ मत लगाना। वो लड़का मेरे सीने से चिपट गया बिल्कुल ऐसे जैसे कोई बच्चा डरकर अपनी मां से चिपट जाता है। मैं नहीं जानता था कि वो मुसलमान था या हिन्दू था, सिख था या ईसाई। यह तो भीड़ ने बताया वो चिल्ला रहे थे, "मुसलमान है यह, टुकड़े कर दो इसके। "

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इतना कहकर गगनदीप सिंह रुक जाते हैं, और लंबी सांस लेते हैं। फिर कहते है, “वह मेरे अंदर छिप जाना चाहता था, बुरी तरह कांप रहा था, मैंने किसी चेहरे पर ऐसी दहशत कभी नही देखी...गिर्जिया मंदिर पर सैकड़ों जोड़े रोज घूमने आते हैं, ऐसा कभी हुआ भी नही। मैं पुलिस हूँ, मेरा फर्ज है हिफाजत करना, मैंने तय कर लिया चाहे जो हो जाये मैं इसे बचाऊंगा। अगर मैं वर्दी में नहीं होता तो भी मैं ऐसा ही करता।”

गगनदीप आगे कहते हैं, “उस दिन यह एक सामान्य घटना नहीं थी, मैंने पूरा जोर लगा दिया, मेरे खिलाफ नारेबाजी होने लगी, कुछ देर के संघर्ष के बाद पुलिस टीम आ गई हमने उसे बचा लिया। मेरे दिल को बहुत सुकून मिला, मैं ईश्वर के सामने मुस्कुरा सकता था।”

गगनदीप सिंह अभी 28 साल के हैं और उत्तराखण्ड में उधमसिंह नगर के जसपुर के रहने वाले हैं। वे जब महज 5 साल के थे, जब उनके पिता उन्हें छोड़कर खुदा के पास चले गए थे। गगनदीप को उनके ताऊ ने पाला और कभी पिता की कमी नहीं महसूस होने दी। वो अमेरिका में रहते हैं, उनकी मां गुरिंदर कौर के अलावा उनकी एक बहन है, जिसकी 6 महीने पहले ही कनाडा में शादी हुई है। गगन की अभी शादी नहीं हुई है, मगर उनकी मां ने उनके लिए लड़की तलाश ली है उनकी ससुराल समेत पूरी दुनिया में उनकी बहादुरी की चर्चा हो रही है और जश्न मनाया जा रहा है।

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फोटो सोशल मीडिया

गगनदीप 2015 में सब इंस्पेक्टर चुने गए थे, उनके बैचमेट और मित्र सौरभ त्यागी हमें बताते हैं कि, "भाई ने छाती हमारी भी चौड़ी कर दी है। पुलिस को गर्व से भर दिया है। पुलिस के आलोचक भी शांत है।” सौरभ बताते हैं कि गगनदीप बहुत हंसमुख और जिंदादिल इंसान हैं। "

गगनदीप की इस दिलेरी के बाद से रामनगर पुलिस थाने में पिछले चार दिन से पुलिस फुले नहीं समा रहे हैं। कोतवाल विक्रम राठौर कहते हैं, "लड़के ने बहुत अच्छा काम किया, वो बहुत शरीफ है। अब दुनिया को पता चल गया होगा कि पुलिस में अच्छी सोच के लोग भी हैं। हमारा पूरा स्टाफ खुश है, दुनिया भर से बधाई सेदेश मिल रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस की बहुत अच्छी छवि उभर कर सामने आई है। हमारे एसएसपी ने उसे ढाई हजार रुपये का इनाम भी दिया है। गगनदीप सेलिब्रिटी बन गया है। मैंने देश भर से सैकड़ों काल रिसीव की हैं। वो जहाँ जा रहा है, वहां भीड़ लग रही है, नौजवान उसके साथ सेल्फी ले रहे हैं, मैंने उसे समझाया गगनदीप सिंह तुम काफी तारीफ पा रहे हो अपना दिमाग मत खराब कर लेना ऐसा ही रहना।"

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फोटो : सोशल मीडिया

गगनदीप सिंह हमसे कहते है कि, "मैं कभी नही बदलूंगा, ऐसा ही रहूंगा, बल्कि मुझे और अधिक बेहतर होना होगा, क्योंकि लोगों में मेरी इमेज एक अच्छे पुलिस वाले की बन गई है, जिसे हमेशा बनाये रखना एक मुश्किल काम है, मगर मैं इसे कायम रखूँगा ".

हाल के दिनों में भारत में मॉब लिंचिंग की घटनाओं से दुनिया भर में बदनामी हुई है। इस तरह की एक संभावित घटना को नाकाम कर देने के बाद गगनदीप सिंह की भी दुनिया भर में तारीफ हो रही है। रामराज गुरद्वारा कमेटी के प्रधान गुरशरण सिंह ने बताया कि, “उन्हें कनाडा से व्हाट्सऐप पर मैसेज आया कि भारत में एक सरदार ने हमें फख्र से भर दिया, तब मैंने अपने भतीजे से पूछा तो उसने पूरी बात बताई। उसने सारे सिख समुदाय को गर्व से भर दिया। हम उसको गुरुद्वारा में बुलाकर सम्मान करेंगे।”

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गगनदीप सिंह कनाडा में हीरो बन गए है हाल ही उनकी बहन किरण रंधावा की शादी कनाडा में हुई है। उन्होंने ही सबसे पहले गगनदीप की युवक को बचाने की वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड की थी। इत्तेफ़ाक़ यह है कि पहले यह वीडियो कनाडा में सिख समाज में लोकप्रिय हुई और बाद में भारत में।

गगनदीप कहते हैं, "मैं तो जानता भी नहीं वीडियो किसने बना ली और मेरी बहन तक कैसे पहुंची। यह 22 मई की घटना है। मगर 25 मई को जब मैं अचानक बैंक गया, तो स्टाफ ही मेरे साथ सेल्फी लेने लगा। उसके बाद मैं समझा सोशल मीडिया पर कुछ बड़ा चल रहा है।”

रामनगर से हाल ही में यूपीएससी में चुनी गई बुशरा अंसारी के पिता अनीस अंसारी कहते है कि ईमानदारी से फर्ज निभाना हमारे अंदर के इंसान की महानता को दर्शाता है, हमे गगनदीप सिंह पर नाज है। पंजाब के कई सांसदों सहित कई राजनेताओं ने गगनदीप सिंह की वीडियो शेयर की है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी उनमें से एक हैं। प्रमुख सिख नेता पूर्व मेजर जोगेंद्र सिंह बांकुरा कहते है, "देश भर अजीब तरह का नफरत माहौल पैदा हो गया है, इंसानियत की जरुरत पूरा देश महसूस कर रहा है। इस तरह की घटनाएं मुल्क की इज्जत में बढ़ोतरी करती हैं, इसकी बेहद जरूरत है।”

शुक्रवार की देर रात दिल्ली में एक दबिश से लौट रहे गगनदीप सिंह हमसे कहते हैं, "इतने लोगो ने सराहा है कि पता चल गया है इस मुल्क में भाईचारे और प्यार मोहब्बत वाले ज्यादा है अब बोझ थोड़ा बढ़ गया है।"

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