मध्य प्रदेश के उज्जैन में दुष्कर्म की शिकार नाबालिग बच्ची से मिलने के लिए कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला इंदौर में एमटीएच अस्पताल पहुंचे। बच्ची की हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टर ने किसी को भी उससे मिलने नहीं दिया।
दुष्कर्म पीड़िता के स्वास्थ्य की जानकारी सुरजेवाला में डॉक्टर से ली। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उज्जैन की घटना दिल्ली के निर्भया कांड से भी बड़ी है। पीड़िता को बचाने के लिए डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन किया है उसे ठीक होने में कम से कम 4 हफ्ते लगेंगे।
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सुरजेवाला ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एक बार भी मध्य प्रदेश की दलित बेटी के लिए अपने मुंह से एक शब्द नहीं निकला। सरकार दुष्कर्म पीड़िता बच्चों को उत्तर प्रदेश या बिहार का बताती रही जबकि वह मध्य प्रदेश के सतना में रहती है। वह स्कूली छात्र है जबकि अफसर उसे भिखारी बताते रहे।
इससे पहले सुरजेवाला ने सोशल मीडिया के जरिए भी शिवराज सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में लड़की के रूप में जन्म लेना अभिशाप है। साथ ही राज्य सरकार पर उज्जैन में 12 वर्षीय लड़की के बलात्कार मामले से छुटकारा पाने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।
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मध्य प्रदेश के प्रभारी कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ''मध्य प्रदेश में बीजेपी शासन में अब बेटी होना अभिशाप हो गया है।''
मध्य प्रदेश के उज्जैन में 12 साल की सतना की दलित मासूम बेटी के साथ बलात्कार का वीभत्स और घृणित अपराध हुआ। बेटी घंटों खून से लथपथ उज्जैन में भटकती रही, मानवता रोती रही, मां भारती की आत्मा छलनी होती रही पर शिवराज सरकार कान पर हाथ रख सोती रही।
आज मैंने इंदौर के एमटीएच हॉस्पिटल में जाकर भर्ती बिटिया की देखरेख कर रहे डॉक्टर्स से बात की है क्योंकि शासन ने बताया कि अभी बिटिया से मिलने की इजाज़त नहीं। डॉक्टरों ने बलात्कार की जघन्यता के बारे में बताया, जिससे रूह कांप गई ।
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मध्य प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज़ नहीं बची है। शिवराज जी तो ऐसे निष्ठुर हैं कि 3 दिन तक मौन धारण करे रहे। निर्भया स्वरूप 12 साल की एक दलित बेटी के साथ हुए दुर्दांत बलात्कार और बीजेपी सरकार की आपराधिक सलिंप्तता को लेकर जनता के कुछ सवाल हैं।
सतना की बेटी के बाबा की गुहार के बावज़ूद 24 घंटे तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की? उज्जैन पुलिस और बीजेपी सरकार ने बिना जांच के ही बिटिया को अपनी एफआईआर में भिखारी क्यों और कैसे बता दिया, जबकि वो स्कूल यूनिफॉर्म में थी?
पुलिस और सरकार ने मीडिया को ये क्यों कहा कि लड़की उत्तर प्रदेश की है, जबकि वो बेटी सतना की है? क्या ये केवल प्रदेश को भ्रमित करने के लिए किया, ताकि 12 साल की सतना एक दलित बेटी से बलात्कार का मामला छुपाया जा सके? क्या बीजेपी सरकार अब ऐसी ओछी हरकतों पर उतर आयी है?
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शिवराज सरकार ये क्यों नहीं बता रही कि बिटिया सतना से उज्जैन कैसे पहुंची? उज्जैन पुलिस ने सीसीटीएनएस में लड़की की गुमशुदा की एफआईर की पड़ताल क्यों नहीं की, जिससे पूरी बात पता चल सकती थी? जिस अमानवीय तरीक़े और बहाशीपन से अबोध बिटिया के गुप्तांग नष्ट किए गये हैं, ये प्रथम दृष्टि से साफ़ तौर से गैंगरेप का मामला नज़र आता है। तो सरकार बग़ैर पूरी जांच मामले को रफ़ा दफ़ा करने में क्यों लगी है?
अब तक बिटिया के परिवार को सतना से इंदौर उसके पास क्यों नहीं लाया गया? इतने वीभत्स हादसे के बावजूद भी सीएम शिवराज या गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को बेटी का कुशलक्षेम पूछने, परिवार से मिलने, आंसू पोंछने या मिलने तक की फुर्सत क्यों नहीं मिली?
क्या चुनावी रैली राजधर्म के आड़े आ गई या फिर शिवराज अब कर्तव्य का बोध खो चुके हैं? बीजेपी के स्वयंभू बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय तो अस्पताल से 1 किलो मीटर की दूरी पर हैं। क्या उन्हें चुनावी जश्न से समय निकाल बेटी से मिलने की फुर्सत नहीं मिली?
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हम कांग्रेस के साथी प्रतिबद्ध हैं कि इन वहशी दरिंदों को सजा दिला कर दम लेंगे। मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष कमलनाथ ने बिटिया के परिवार को 5 लाख रुपये की तुरंत सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की है, तथा ज़रूरत पड़ने पर देश के अच्छे से अच्छे हॉस्पिटल में इलाज का वचन दिया है। उम्मीद है आज के बाद बीजेपी की मरी हुई मानवता जागेगी।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार का जंगलराज महिलाओं, दलितों, आदिवासियों के लिए अभिशाप बन गया है। उज्जैन में जिस 12 साल की बच्ची के साथ रेप हुआ, उसे आप सभी ने देखा। घटना रूह कंपा देने वाली है। लड़की अपना तन ढकने के लिए 8 किमी तक चली।
इससे उज्जैन में पुलिस की अप्रभाविता का पता चलता है। यह राज्य में बीजेपी सरकार की अप्रभाविता को दर्शाता है। सुरजेवाला, कई कांग्रेस विधायक और अन्य नेता उस लड़की से मिलने गए। वह अस्पताल में बेहद दर्द से गुजर रही है।
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सुप्रिया श्रीनेत ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''बीजेपी सरकार चार-पांच दिन तक ऐसी चुप्पी क्यों? लड़की सतना की दलित है। पहले कहा गया था कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है और भिखारी है।''
वह अपनी स्कूल यूनिफॉर्म में थी। सतना में उसके माता-पिता से कहा गया था कि हम जांच नहीं करेंगे। अगर पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लिया होता तो घटना होने से बच सकती थी। आरोप लगाया कि एक दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई।
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दो दिन बाद खबर आई, लेकिन सतना पुलिस ने इस बात की तस्दीक करने की नहीं सोची कि क्या यह वही लापता लड़की है। क्या लड़की का अपहरण हुआ था या वह अपनी मर्जी से सतना से 700 किमी दूर उज्जैन आ गई थी, इससे पुलिस की अक्षमता का पता चलता है। अगर उज्जैन पुलिस ने सीसीएनटीएस सिस्टम को ट्रैक किया होता तो उन्हें लड़की के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती।
श्रीनेत ने कहा, "बेहद दर्द के बावजूद, लड़की ने अपने पिता, दादा और अपने गांव का नाम बताया था, लेकिन उज्जैन पुलिस ने उसे उत्तर प्रदेश की, भिखारी और मानसिक रूप से विक्षिप्त घोषित कर दिया, जबकि उसने स्कूल यूनिफॉर्म पहन रखी थी।"
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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