उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप समेत प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध, गिरती कानून-व्यवस्था और केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आज समाजवादी पार्टी ने लखनऊ में कई जगहों पर प्रदर्शन किया। सबसे पहले एसपी कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर मौन व्रत रखकर प्रदर्शन किया और योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस पर पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज कर दिया और नेताओं को भी खदेड़-खदेड़ कर पीटा। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुराग भदौरिया पर भी जमकर लाठियां बरसाई गईं। उन्होंने मीडियाकर्मियों को अपने घाव के निशान भी दिखाए।
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पुलिस ने शहर के विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित समाजवादी पार्टी ऑफिस के चारों ओर बैरिकेड्स लगा दिए गए ताकि पार्टी नेताओं को बाहर जाने से रोका जा सके। मौके पर मौजूद पुलिस से पार्टी कार्यकर्ताओं की नोकझोंक हो गई। जिसके बाद धक्का-मुक्की भी हुई और फिर सपाई सड़कों पर आ गए और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने का प्रयास किया। इस दौरान दो सौ से ज्यादा कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया गया है।
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इसके बाद एसपी के सभी विधायक और एमएलसी पार्टी कार्यालय पर जुटे और नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के नेतृत्व में पैदल मार्च करना शुरू किया। इस दौरान राजभवन चौराहे पर उन्हें पुलिस ने रोक दिया। इस दौरान नेता विपक्ष राम गोविंद चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की काफी देर तक पुलिस से नोकझोंक होती रही। मार्च को देखते हुए मुख्यमंत्री चौराहे में भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई और विक्रमादित्य मार्ग बंद करा दिया गया। इस दौरान राजभवन जाने वाली सड़क को भी बंद कर दिया गया ।
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इसके बाद समाजवादी पार्टी के सभी विधायक राजभवन चौराहे पर धरने पर बैठे गए। कई घंटे की धक्का-मुक्की के बाद पुलिस ने सभी विधायकों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें इको पार्क भेज दिया गया। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी हिरासत में लिए गये। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल पूर्व विधायक इंदल रावत को भी हिरासत में लिया। विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम सहित 20 से अधिक विधायकों को हिरासत में लिया गया।
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समाजवादी पार्टी ने कहा कि प्रदेश में जंगलराज है। कानून-व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कहा, "उत्तर प्रदेश में किसानों, युवाओं, आम आदमियों और विपक्ष के द्वारा बीजेपीप और राज्य सरकार के दमन और उत्पीड़न के खिलाफ एक मौन सत्याग्रह होना था, लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने शांतिपूर्वक विरोध करने के हमारे अधिकार को छीन लिया है और यह एक लोकतंत्र में हुई सबसे बुरी चीज है।"
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा, "सरकार ने किसानों के अपने खेतों को बंधक बनाने और अपने ही खेतों में मजदूरी करने की साजिश रची है। खुले बाजार के नाम पर बड़े व्यापारियों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को किसानों की उपज कम दर पर खरीदने की आजादी मिलेगी। मंडी व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है। सरकार हमें इन मुद्दों पर विरोध करने से नहीं रोक सकती है।"
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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