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हाथरस कांड पर प्रियंका गांधी का सवाल- गंभीर आरोपों के बावजूद डीएम पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं, कौन बचा रहा?

प्रियंका गांधी ने कहा कि पीड़ित परिवार के अनुसार, सबसे बुरा बर्ताव डीएम का था। उन्हें कौन बचा रहा है? उन्हें तुरंत बर्खास्त कर पूरे मामले में उनके रोल की जांच हो। परिवार न्यायिक जांच मांग रहा है तब क्यों सीबीआई जांच का हल्ला करके एसआईटी की जांच जारी है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

हाथरस कांड में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एसपी समेत की कई पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की और उन्हें सस्पेंड कर दिया, लेकिन डीएम पर अब तक ओई भी कार्रवाई नहीं की गई है। वह भी तब जब पीड़िता के परिजन डीएम पर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने डीएम पर तुरंत कार्रवाई कर उन्हें हटाने की मांग की है।

कांग्रेस महासचिव ने ट्वीट कर कहा, “हाथरस के पीड़ित परिवार के अनुसार, सबसे बुरा बर्ताव डीएम का था। उन्हें कौन बचा रहा है? उन्हें अविलंब बर्खास्त कर पूरे मामले में उनके रोल की जांच हो। परिवार न्यायिक जांच मांग रहा है तब क्यों सीबीआई जांच का हल्ला करके एसआईटी की जांच जारी है।”

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गौरतलब है कि परिजनों ने आरोप लगाया है कि डीएम ने उनके साथ बदतमीजी की। उन्होंने घर जाकर उन्हें धमका। मीडिया से बात नहीं करने को लेकर धमकी दी। यही नहीं पीड़िता के भाई ने मीडिया से बात करते हुए का था कि डीएम ने उसके ताऊ की छाती पर लात मारी थी, उसके ताऊ बेहोश हो गए थे। पीड़िता के भाई ने यह भी कहा था कि पूरे परिवार को घर में बंद कर दिया गया था। साथ ही उनके मोबाइल भी छीन लिए गए थे।

पीड़िता के परिजनों द्वारा डीएम पर गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद भी डीएम पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है और पुलिस वालों को नाप दिया गया। सवाल यह पूछा जा रहा है कि अगर डीएम के आदेश पर पुलिस वालों ने कदम उठाया तो आखिर डीएम पर योगी सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की। जाहिर है पुलिस बिना प्रशासन के आदेश के कोई कदम नहीं उठा सकती है। ऐसें हाथरस में जो कुछ भी हुआ उसके लिए डीएम को पाक-साफ कैसे बताया जा सकता है।

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योगी सरकार सीबीईआई जांच कराने की बात कह रही है। उधर, एसआईटी अलग से पूरे मामले की जांच कर रही है। परिजनों का यह भी आरोप है कि बिना उनकी इजाजत के पीड़िता के शव को जला दिया गया। पुलिस द्वारा शव को जलाए जाने के बाद पीड़िता के परिजनों ने मीडिया से बात करते हुए बयान दिया था कि उनसे अंतिम संस्कार को लेकर इजाजत नहीं ली गई थी।

पीड़िता के शव को जलाने के बाद डीएम ने कहा था कि पीड़िता के परिजनों की सहमति के बाद ही शव का अंतिम संस्कार किया गया था। ऐसे में शव जलाने के फैसले को लेकर भी हाथरस के डीएम सवाल के घेरे में हैं। हाथरस कांड में कई ऐसे अनसुलझे सवाल हैं, जिनके जवाब अब तक नहीं मिल पाए हैं। जाहिर है इनके जवाब डीएम ही देंगे। ऐसे में जब तक डीएम को सस्पेंड कर पूरे मामले की जांच नहीं कराई जाती तब तक इन सवालों के जवाब भी नहीं मिलेंगे।

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