हरियाणा सरकार क्या कुछ छिपा रही है। डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण क्या उसके पास पर्याप्त हैं ? पीजीआई रोहतक की महिला चिकित्सक के बिना सुरक्षा उपकरणों के कोरोना मरीजों के इलाज से इंकार वाले वायरल हुए ट्वीट से उठे सवाल का सरकार के पास क्या कोई सही जवाब है?
इसी सवाल पर सरकार के दावों को बेनकाब करने वाली पंचकूला अस्पताल की नर्स के खुलासे का क्या उसके पास सही उत्तर है? हालत यह है कि मेडिकल स्टॉफ के लिए जरूरी सुरक्षा उपायों की कमी के खौफ में हाल ही में भर्ती किए गए तकरीबन साढ़े चार सौ डॉक्टरों में से अधिकांश ज्वाइन करने के लिए तैयार नहीं हैं। तमाम सवालों से घिरी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के जरिये जरूरी उपकरणों की उपलब्धता की एक लंबी फेहरिस्त जारी की है। लेकिन अभी भी सरकार इस बात का जवाब नहीं दे पाई कि राज्य में जरूरत के मुताबिक इनकी वास्तविक स्थिति क्या है।
राज्य सरकार ने शुक्रवार को बताया कि वर्तमान में राज्य में 1300 वेंटिलेटर की सुविधा है और 200 नए वेंटिलेटर के लिए आर्डर जारी किए गए हैं, जो जल्द ही राज्य के सरकारी अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में, राज्य के सरकारी अस्पतालों में 19,000 पीपीई किट और 95,000 एन-95 मास्क उपलब्ध हैं। अगले तीन दिनों में अतिरिक्त 1,45,000 एन-95 मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि 2.50 लाख नई पीपीई किट्स के आदेश दे दिए गए हैं। इसके अलावा, तीन प्लाई मास्क का पर्याप्त स्टॉक भी उपलब्ध है।
पंचकूला में मेडिकल और पैरा-मेडिकल स्टॉफ के लिए आवश्यक उपकरणों की कमी के सवाल पर सेहत महकमें के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि 2565 पीपीई किट और 3000 एन-95 मास्क का स्टॉक पंचकूला के नागरिक अस्पताल में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कार्य के आधार पर व्यक्तिगत उपकरणों के उपयोग के बारे में प्रोटोकॉल जारी किया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य के सभी अस्पतालों में न्यूनतम 5 दिनों तक की पीपीई किट की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।
सुरक्षा उपकरणों की कमी के चलते कोरोना मरीजों के इलाज को लेकर मेडिकल स्टॉफ में खौफ को शांत करने की भी कोशिश सरकार ने की। राजीव अरोड़़ा ने कहा कि सरकार डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और अन्य कर्मचारियों सहित स्वास्थ्य विभाग के अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के मनोबल को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए सरकार ने सभी आवश्यक सेवाएं व उपकरण प्रदान किए हैं।
राजीव अरोड़ा ने कहा कि वर्तमान में हम स्टेज-2 में हैं। हम स्टेज-3 में नहीं हैं, लेकिन हम इस तरह की किसी भी घटना को रोकने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं। इतनी लंबी फेहरिस्त देने के बावजूद जरूरत के मुताबिक सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता बताने में सरकार असमर्थ रही। साथ ही सरकार के पास इस बात का भी कोई जवाब नहीं है कि यदि सभी सुविधाएं हैं तो डॉक्टरों ने सवाल क्यों उठाए हैं।
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