कोरोना संकट से बचने के लिए लॉकडाउन की मार देश के एक बड़े तबके पर पड़ी है। किसान, मजदूर और दलित इससे बुरी तरह प्रभावित हैं। न सिर्फ उनकी रोजी-रोटी छिनी है, बल्कि भविष्य का संकट भी उनके सामने खड़ा है। हरियाणा में भी इस संकट ने एक बड़ी आबादी को प्रभावित किया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने संविधान निर्माता डॉ भीम राव अम्बेकर की जयंती पर राज्य की खट्टर सरकार से दलितों, ग़रीबों और किसानों के लिए राहत का ऐलान करने की मांग की है।
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राजस्थान सरकार की तर्ज पर हरियाणा में भी सरकार 2 महीने के लिए किसानों के बिजली बिलों के भुगतान को स्थगित कर सकती है। साथ ही, सरकार को लॉकडाउन से पैदा हालात को देखते हुए दलितों और गरीबों के बिजली बिल माफ करने का ऐलान भी करना चाहिए। क्योंकि, लॉकडाउन की वजह से सबसे ज़्यादा मार इसी तबके पर पड़ रही है।
इससे पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के केंद्र सरकार के फ़ैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि लोगों को फिलहाल और संयम बरतने की सख्त जरूरत है। देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए सभी लोगों को पहले से भी ज्यादा सख्ती से लॉकडाउन के नियमों की पालन करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान किसानों को रियायत देने की बहुत जरूरत है, क्योंकि किसानों को फसल कटाई, कढ़ाई और ढुलाई का काम करना है।
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हालांकि उन्होंने कहा कि रियायत के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर किसानों और कर्मचारियों की सुरक्षा के तमाम एहतियात बरते जाएं। मंडी में आने वाले किसानों से लेकर वहां काम कर रहे आढ़तियों और कर्मचारियों को पानी, मॉस्क और सेनेटाइजर उपलब्ध होने चाहिए। बीमारी से बचाव के लिए मंडी में शौचालयों की उपलब्धता और उनकी साफ-सफाई पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
हरियाणा में 15 अप्रैल से सरकार द्वारा फसल खरीद की घोषणा की गई है। इसको लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि सरकार ने किसानों का गेहूं खरीदने के लिए हर 3 गांव में एक खरीद केंद्र बनाने का फैसला तो लिया है, लेकिन आढ़तियों और सरकार की तनातनी को देखते हुए किसानों में आशंका है कि इन केंद्रों पर फसल खरीद हो पाएगी या नहीं। इसलिए सरकार को चाहिए कि वो आढ़तियों से समन्वय स्थापित करे। हुड्डा ने आढ़तियों से भी सरकार और किसानों का सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ये वक्त किसी जिद पर अड़ने का नहीं, बल्कि एक-दूसरे के सहयोग का है।
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किसानों के लिए चिंतित भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों को लगातार भंडारण करने की सलाह तो दे रही है, लेकिन किसान के पास भंडारण के लिए न तो जगह है और न ही बारदाना। भंडारण करने पर किसानों को न तो नमी का लाभ मिलेगा और न ही बोनस मिलेगा, जैसा कि सर्वदलीय मीटिंग में फैसला हुआ था। इसलिए सरकार को फौरन बोनस का ऐलान करना चाहिए।
पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार उपरोक्त तमाम समस्याओं और संशयों को दूर करते हुए किसान हित में हर फ़ैसला ले। वह सुनिश्चित करे कि किसान की पूरी फसल खरीदी जाए और उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले।
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