हरियाणा विधानसभा के 5 मार्च से आरंभ हो रहे बजट सत्र से एक दिन पहले ही खट्टर सरकार का रवैया जाहिर हो गया है। बजट सत्र के लिए नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा की ओर से भेजा गया निजी विधेयक अब सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं होगा। यह बिल ‘हरियाणा कृषि उत्पाद बाजार (हरियाणा संशोधन) विधेयक-2021’ के नाम से भेजा गया था। कृषि और किसान कल्याण विभाग ने इस बिल को औचित्यहीन और केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विपरीत बताया है। इसके चलते विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से विधान सभा सचिवालय को भेजे गए पत्र में इसे कार्यवाही में शामिल न करने की सूचना भेजी गई है।
Published: 05 Mar 2021, 12:06 AM IST
कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से विधान सभा सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि प्रस्तावित निजी विधेयक में यह उल्लेख किया गया है कि केंद्रीय अधिनियमों से कई प्रकार की दुर्बलताएं और विकृतियां आएंगी, जो कि कृषि और इससे जुड़े समुदायों के लिए हानिकारक होंगी। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि उक्त केंद्रीय अधिनियमों पर सर्वोच्च न्यायालय की जांच जारी है। सर्वोच्च न्यायालय ने उक्त रिट याचिका में अगले आदेश तक केंद्रीय अधिनियमों के क्रियान्वयन पर रोक लगाई है। न्यायालय ने अंतरिम आदेश में दोनों पक्षों से समस्याओं का निष्पक्ष, न्यायसंगत और उचित समाधान करने का प्रयास करने को कहा है। न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को लागू रखने की बात भी कही गई है।
Published: 05 Mar 2021, 12:06 AM IST
विभाग के पत्र में कहा गया है कि प्रस्तावित विधेयक का विवरण यह बताता है कि इसका उद्देश्य केंद्रीय अधिनियमों में संशोधन के माध्यम से राज्य अधिनियम में संशोधन का एक मामला है, जो अभी विचाराधीन है। संविधान के अनुच्छेद 254 और 246 के तहत लागू प्रावधान इस संबंध में बहुत स्पष्ट हैं। इसलिए, इस विधेयक के माध्यम से प्रस्तावित संशोधन पर विचार करना कानूनी रूप से उचित नहीं होगा।
Published: 05 Mar 2021, 12:06 AM IST
भूपेंद्र हुड्डा के निजी विधेयक में एमएसपी से नीचे उपज को बेचने के लिए किसी भी किसान पर दबाव बनाने पर तीन साल तक की जेल और जुर्माना जैसी आपराधिक कार्रवाई जोड़ने का प्रस्ताव है। इस संबंध में, यह कहा गया है कि एमएसपी औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) से जुड़ा हुआ है, लेकिन कई उदाहरण हैं, जहां कृषि उपज अधिसूचित गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है। हालांकि, इस दंड के प्रावधान को शामिल किए जाने के कारण, खरीदार आपराधिक कार्रवाई की आशंका में उपज खरीदने के लिए अपनी अनिच्छा दिखा सकता है। इससे किसान की आय और आजीविका को प्रभावित होगी।
Published: 05 Mar 2021, 12:06 AM IST
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: 05 Mar 2021, 12:06 AM IST