हरियाणा में कोरोना के हालात जिस तरह बिगड़ रहे हैं सरकार उसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी। जब राज्य में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 1 लाख को छूने वाला है, उस वक्त अफरातफरी के हालात हैं। पिछले काफी वक्त से राज्य में 2 हजार से अधिक मामले प्रतिदिन आ रहे हैं। कोरोना से मौतों का आंकड़ा भी 1 हजार पहुंच चुका है। हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि सरकार ने अस्पतालों में अचानक बढ़ते कोरोना के मरीजों से निपटने के लिए नर्सिंग स्टूडेंट की मदद लेने का फैसला करना पड़ा है। ऑक्सीजन सिलेंडर की भी कमी की खबरें हैं।
हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के इलाज के इंतजाम अपर्याप्त हैं, इस बात की तस्दीक इससे होती है कि मुख्यमंत्री से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक ने कोरोना से संक्रमित होने के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अपना इलाज कराना बेहतर समझा। कोरोना मरीजों की संख्या जिस तरह बढ़ रही है, वह सरकार के अनुमान से कहीं ज्यादा है।
Published: undefined
सोमवार को भी प्रदेश में 2488 कोरोना के मरीज आए, जिसके बाद प्रदेश में यह आंकड़ा 96129 पहुंच गया। 25 और मौतों के साथ प्रदेश में कोरोना से जान गंवाने वालों की तादाद भी 1000 हो गई है। प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 20417 हो गई है, जिसके लिए सरकार बिल्कुल तैयार नहीं थी। कोरोना मरीजों की संख्या अचानक बढ़ने से सरकार के हांथ’-पांव फूल गए हैं।
ऑक्सीजन कमी की खबरें आने के बाद सरकार ने सफाई दी है कि हरियाणा में मेडिकल और लिक्विड ऑक्सीजन के उत्पादन एवं उपलब्धता की कोई कमी नहीं है। सरकार द्वारा सरकारी और निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। प्रदेश में इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन बनाने वाली यूनिट को मेडिकल ऑक्सीजन बनाने का लाइसेंस भी दिया गया है, जिससे साफ है कि हालात मुश्किल हैं।
Published: undefined
उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना मरीजों के समुचित उपचार के लिए प्रदेश में 3 एक्सक्लूसिव क्रिटिकल कोविड केयर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। यह केंद्र पीजीआइएमएस रोहतक, कल्पना चावला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज करनाल तथा महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज अग्रोहा में स्थापित होंगे। इन कोविड देखभाल केंद्रों में 100 बिस्तरों की सुविधा होगी। वहीं, कुरुक्षेत्र व पेहवा तीर्थ स्थलों पर इस बार कोरोना महामारी के दृष्टिगत 17 सितंबर को अमावस्या वाले दिन श्रद्धालुओं के एकत्र होने पर पूर्ण रूप से पाबंदी लगाई गई है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में बताया कि आमतौर पर पितृपक्ष के दौरान आने वाली अमावस्या को अपने पितरों का पिंडदान करने के लिए कुरुक्षेत्र व पेहवा तीर्थ स्थलों पर श्रद्घालु एकत्रित होते हैं। कोरोना महामारी के फैलाव को रोकने के लिए कुरुक्षेत्र प्रशासन ने अमावस्या के दिन तक उक्त दोनों तीर्थ स्थलों पर श्रद्घालुओं के एकत्रित होने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई है।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined