संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने रविवार को कुरुक्षेत्र के पिपली में ‘किसान महापंचायत’ की और लोगों से आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने का आह्वान किया। दोनों किसान संगठन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को स्वीकार करने के वास्ते सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डटे हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके मार्च को रोक दिया था।
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पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों ने पिपली में ‘किसान महापंचायत’ में हिस्सा लिया और अपनी मांगों के समर्थन में तीन अक्टूबर को देश भर में ‘रेल रोको’ आंदोलन करने का भी फैसला किया। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा में बीजेपी सरकार द्वारा किसानों पर किए गए ‘‘अत्याचार’’ का बदला लेने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अब किसान बदला लेंगे।’’
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हरियाणा की बीजेपी सरकार पर किसानों के खिलाफ बल प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम हरियाणा में बीजेपी की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और किसानों के खिलाफ किए गए अत्याचारों का हिसाब लेंगे।’’ किसान महापंचायत में जगजीत सिंह डल्लेवाल, मंजीत सिंह राय, जसविंदर सिंह लोंगवाल, सुरजीत सिंह फूल और अमरजीत सिंह मोहरी समेत कई किसान नेता मौजूद थे।
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संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, किसान नेताओं ने हरियाणा के लोगों से वोट देने से पहले यह सोचने की अपील की कि मौजूदा सरकार ने पिछले 10 वर्षों में किसानों के लिए क्या किया है। इसमें कहा गया कि हरियाणा में बीजेपी की हार शुभकरण सिंह के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जो 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी सीमा पर झड़प के दौरान मारे गए थे।
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