जासूसी कराने के विरोध में आज चंडीगढ़ में हजारों की तादाद में हरियाणा कांग्रेस के कार्यकर्ता और विधायक सड़कों पर उतरे। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इसे असंवैधानिक बताते हुए केंद्र की मोदी सरकार को कायर करार दिया। राजभवन मार्च के लिए निकले कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रदेश मुख्यालय से चंद कदम दूर ही बेरीकेड लगाकर रोके जाने पर पुलिस से उनकी भिड़ंत भी हुई। राजभवन जाने के लिए अड़े कार्यकर्ताओं को धारा 144 के बहाने पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया। अंतत: प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा और प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल समेत कई विधायकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
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चंडीगढ़ पुलिस ने धारा 144 लगी होने की बात कहकर कांग्रेस को राजभवन मार्च की अनुमति ही नहीं दी। इसके बावजूद पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत चंडीगढ़ के सेक्टर नौ स्थित हरियाणा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से हजारों कार्यकर्ताओं ने दोपहर तकरीबन 12 बजे राजभवन की ओर कूच कर दिया। पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए सुबह से ही जगह-जगह बेरीकेड लगा दिए थे। पुलिस से टकराव तकरीबन तय लग रहा था। वाटर कैनन समेत भारी तादाद में पुलिस बल की तैनाती थी। अबकी बार जासूसी सरकार, डरी हुई सरकार करती निजता प्रहार, मोदी सरकार, जासूसों की भरमार और मोदी सरकार, जासूसी अपरंपार जैसे नारे लिखे तख्तियां लिए कार्यकर्ता जैसे ही चंद कदम चले थे कि पुलिस ने उन्हें रोक लिया। काफी देर तक पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच बहस होती रही। भिड़ंत भी हुई।
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इस दौरान भीषण उमस के चलते कांग्रेस की एक महिला विधायक की तबीयत भी खराब हो गई। अंतत: पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा व हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल समेत कई कांग्रेस विधायकों को हिरासत में ले लिया और चंडीगढ़ के सेक्टर तीन थाने में ले गई। थाने में भी कांग्रेस विधायकों ने जमीन पर बैठ कर प्रदर्शन किया। प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल का कहना था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के विपक्षी नेताओं, न्यायाधीशों, पत्रकारों तथा संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की मोदी सरकार द्वारा जासूसी करवा कर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया है। मोदी सरकार ने ऐसा करके न केवल भारतवर्ष की छवि धूमिल की है बल्कि निजता के अधिकारों का भी हनन किया है। लोकतंत्र के लिए यह शुभ संकेत नहीं है।
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वहीं कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने तौर पर मोदी सरकार पर जासूसी कराने का आरोप नहीं लगा रही है, बल्कि इस जासूसी के खेल का खुलासा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सामने आया है। कांग्रेस पार्टी तो सिर्फ इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अथवा जेपीसी द्वारा निष्पक्ष जांच कराने तथा देश के गृह मंत्री अमित शाह का इस्तीफा मांग रही है, ताकि जांच बाधित न हो और देश की जनता के सामने सच्चाई उजागर हो सके। अगर भाजपा सरकार कांग्रेस पार्टी की मांग नहीं मानती है तो स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा की नीयत में खोट है और उसने जानबूझ कर असंवैधनिक तरीके से देशवासियों की निजता के अधिकारों का हनन किया है।
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सैलजा ने कहा कि स्पाईवेयर पेगासस का प्रयोग 2019 के लोक सभा चुनावों में सेल फोनों को हैक करने तथा चुनी हुई सरकारों को गिराने के लिए किया गया था। पेगासस स्पाइवेयर और सभी एनएसओ उत्पाद विशेष रूप से केवल सरकार को बेचे जाते हैं, इसलिए यह स्पष्ट है कि भारत सरकार और इसकी एजेंसियों ने विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, वकीलों और एक्टिविस्ट के फोन हैक करने के लिए यह स्पाइवेयर खरीदा था। मोदी सरकार द्वारा संविधान और कानून का गला घोंट कर देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। यह बड़े ही दुख की बात है कि ऐसे गंभीर मामले में भी भाजपा के नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं और न्यायिक जांच की मांग करने वाली कांग्रेस पार्टी को देशद्रोही बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, जब से भाजपा सरकार लोगों को झूठे वादे करके सत्ता पर काबिज हुई है तब से जायज मांग करने वालों को देशद्रोही बताया जा रहा है।
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