केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ आदंलोन कर रहे किसानों के समर्थन में हरियाणा के गांवों में हो रहे बीजेपी और जेजेपी नेताओं के बहिष्कार ने खटटर सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है। राज्य के विभिन्न इलाकों से आए दिन सामने आ रही ऐसी घटनाओं से चिंतित बीजेपी की खट्टर सरकार ने नेताओं के बहिष्कार के खिलाफ आज हरियाणा विधानसभा में एक प्रस्ताव पास कराया है। कांग्रेस ने इस प्रस्ताव के विरोध में सदन से वाकआउट किया।
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को हरियाणा विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसमें कहा गया है कि अगर समाज या संगठन का कोई भी वर्ग किसी भी राजनीतिक नेता के बहिष्कार की घोषणा करता है, तो सदन ऐसे निर्णय की निंदा करेगा। सदन में बीजेपी और जेजेपी के अलावा सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय सदस्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
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इस प्रस्ताव पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और सदन में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्पष्ट किया कि कोई भी कांग्रेस विधायक राजनीतिक नेताओं का बहिष्कार करने के लिए समाज के किसी भी संगठन या वर्ग को नहीं उकसा रहा है। इसके बाद विरोध में इस प्रस्ताव पर मतदान के दौरान कांग्रेस सदस्यों ने वाकआउट किया।
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प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों को एक सामूहिक जिम्मेदारी साझा करनी चाहिए। खट्टर ने यह भी प्रस्ताव दिया कि अगर आवश्यक हो, तो प्रस्ताव पर मतदान किया जाना चाहिए। लेकिन कांग्रेस के विरोध में वाकआउट के बाद यह प्रस्ताव में ध्वनिमत से पारित किया गया।
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