भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता अनिल विज मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अनुसार, विज को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना था।
इससे पहले दिन में, हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री विज बीजेपी विधायक दल की उस बैठक से नाराज होकर चले गए थे, जिसमें सैनी को नेता चुना गया था।
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पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर से जब यहां पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या विज का नाम उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में था, तो उन्होंने कहा, “मंत्रियों को आज शपथ लेनी थी और उनका (विज का) नाम उस (सूची) में था। लेकिन वह नहीं आ सके।”
यह पूछे जाने पर कि क्या विज नाराज हैं, उन्होंने कहा, "अनिल विज हमारे वरिष्ठ सहयोगी हैं... वह कभी-कभी नाराज हो जाते हैं, लेकिन बाद में सामान्य हो जाते हैं।"
खट्टर ने कहा कि पहले भी ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जब विज किसी बात पर नाराज हो गए लेकिन बाद में चीजें सामान्य हो गईं। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उनसे बात की। उन्होंने कहा कि उनका (शपथ ग्रहण समारोह में) आने का मन नहीं है। हम उनसे बात करेंगे। नायब सैनी जी भी उनसे बात करेंगे।’’
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सैनी ने बीजेपी के कद्दावर नेता खट्टर की जगह मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में एक नया चेहरा लाने का घटनाक्रम लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले हुआ है।
मुख्यमंत्री के रूप में खट्टर का दूसरा कार्यकाल अक्टूबर में समाप्त होना था, जब विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। समझा जाता है कि विज इस बात से नाराज थे कि पार्टी ने अंबाला कैंट विधायक को नजरअंदाज करके सैनी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया।
विज शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद नहीं थे और यहां बीजेपी विधायक दल की बैठक के बाद वह एक निजी वाहन से सीधे अपने अंबाला आवास रवाना हो गए।
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सैनी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले हरियाणा निवास में बीजेपी की बैठक से बाहर निकलते हुए, जब विज से पूछा गया कि बैठक में क्या हुआ, तो उन्होंने सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, "बताने वाले बताएंगे।’’ विज ने कहा, "जो दिल्ली से आए हैं वे बताएंगे।"
बाद में, उनके अंबाला कैंट स्थित आवास की तस्वीरों में वह एक बच्चे के साथ खेलते हुए दिखे।
वर्ष 2014 में भी, जब हरियाणा में बीजेपी के अपने बल पर सत्ता में आने के बाद विज मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे थे, तो पार्टी ने इस पद के लिए खट्टर को चुना था जो पहली बार विधायक चुने गए थे।
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विज के पास खट्टर मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य विभाग भी था। वह, पहले भी कई बातों पर नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं।
कुछ महीने पहले विज ने मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों द्वारा उनके विभाग में हस्तक्षेप पर नाराजगी व्यक्त की थी और पिछले एक महीने से फाइल को मंजूरी देना बंद कर दिया था।
अगस्त में, विज ने नूंह में तनाव को लेकर कोई खुफिया जानकारी होने से इनकार किया था, जहां सांप्रदायिक हिंसा देखी गई थी। उन्होंने कहा था कि खट्टर इस मुद्दे पर जानकारी दे सकते हैं, क्योंकि उनके पास "सारी जानकारी" है।
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