देश में 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार के इस अभियान के तहत लोगों से अपने घरों में तिरंगा फहराने के लिए कहा गया है। लेकिन इसके आड़े में कई जगह से धांधली और जोर-जबरदस्ती की भी खबरें आ रही हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के गृह जिले करनाल में गरीब लोगों को राशन लेने से पहले झंडा लेने के लिए दबाव बनाए जाने की खबरें आईं। वहीं पश्चिम रेलवे के भोपाल मण्डल ने भी कर्मचारियों से 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच अपने घरों पर झंडा फहराने के लिए कहा है। इसके लिए बाकायदा एक सर्कुलर जारी की गई है। इस सर्कुलर के मुताबिक, सभी कर्मचारियों से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 'हर घर तिरंगा अभियान' जो कि 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच चलाया जाना है। इस दौरान सभी कर्मचारियों से अपने निवास पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए कहा गया है। झंडे के पैसे कर्मचारियों के वेतन से कटेंगे।
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वहीं हरियाणा के करनाल में कई राशन डिपो पर राशन कार्ड धारक अगर इस महीने का राशन लेने के लिए डिपो होल्डर के पास जाने पर पहले उन्हें 20 रुपए का तिरंगा झंडा दिया जा रहा था। उसके बाद ही उन्हें राशन मिल रहा थ। ऐसे कई मामले सोमवार शाम को सिटी करनाल के हेमदा गांव सहित कई जगहों पर में देखने को मिले। कई जगह पर इसका विरोध भी हुआ, लेकिन उसके बाद भी कई डिपो संचालकों द्वारा बिना तिरंगा के गरीब लोगों को राशन नहीं दिया गया। राशन कार्ड धारक इसका विरोध करते दिखे। उनका कहना थ कि वह मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। ऐसे में उन्हें झंडा खरीदने के लिए मजबूर करना सही नहीं है।
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इस घटना से संबंधित एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस मामले का एक वीडियो भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी ट्वीट किया और लिखा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ का उत्सव गरीबों पर ही बोझ बन जाए तो दुर्भाग्यपूर्ण होगा। राशनकार्ड धारकों को या तिरंगा खरीदने पर मजबूर किया जा रहा है या उसके बदले उनके हिस्से का राशन काटा जा रहा है। हर भारतीय के हृदय में बसने वाले तिरंगे की कीमत गरीब का निवाला छीन कर वसूलना शर्मनाक है।
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हालांकि राशन लेने वालों को झंडा खरीदने के लिए मजबूर करने वाले वेंडर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस कार्रवाई को लेकर करनाल के जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले नियंत्रक द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। दरअसल इसको लेकर सरकार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि PDS सेंटर पर मिलने वाले तिरंगे केवल जनता की सुविधा के लिए हैं, उन्हें कोई भी स्वेच्छा से ले सकता है।
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समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी झंडा बेचे जाने को लेकर बीजेपी पर तंज कसा है। दरअसल अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें बीजेपी कार्यालय में कुछ लोग तिरंगा झंडा बेच रहे हैं। अखिलेश ने इस वीडियो को ट्वीट कर पूछा है कि भाजपा बताए झंडों पर कितना जीएसटी देना पड़ेगा? अखिलेश ने ट्वीट कर कहा, “भाजपा के कार्यालय तिरंगो की दुकान बन गये हैं… भाजपा बताए झंडों पर कितना जीएसटी देना पड़ेगा?
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बता दें कि आजादी के अमृत महोत्सव मनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया था, जो 13 से 15 अगस्त तक चलाया जाएगा। इसको लेकर तिरंगे डाकघर या राशन की दुकानों पर मिल रहे हैं, लेकिन कोई भी उन्हें दबावपूर्वक नहीं बेच सकता।
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