केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, देश में मौजूद हाथ से मैला उठाने वालों की आधी से अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में है। यह अमानवीय प्रथा सदियों से चली आ रही है। हाथ से मैला उठाने वालों पर 2018 की सर्वेक्षण रपट के अनुसार, देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में 28,796 लोग आज भी हाथ से मैला उठाते हैं। सर्वेक्षण के लिए लगाए गए पंजीकरण शिविरों में कुल 53,236 मैला उठाने वालों की संख्या पंजीकृत की गई है।
हालांकि, ये आंकड़े सर्वेक्षण किए गए 18 राज्यों में से सिर्फ 12 राज्यों के हैं। बाकी के छह राज्यों के आंकड़े मांगे गए हैं।
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इसके अलावा ये आंकड़े देश के 600 जिलों में सर्वेक्षण के पहले चरण में चुने गए 121 जिलों के हैं। सर्वेक्षण में पाया गया है कि मध्य प्रदेश में हाथ से मैला उठाने वालों की संख्या 8,016 है और राजस्थान में 6,643 है।
सर्वेक्षण में कहा गया है कि गुजरात में सिर्फ 146 पंजीकृत मैला उठाने वाले हैं, जहां मैनहोल में मरने वाले मजदूरों की संख्या बहुत ज्यादा है। सीवेज पाइपलाइनों में प्रवेश करने वाले मजदूर सीवर लाइनों के अवरोध को हाथ से साफ करते हैं। यह कार्य हाथ से मैला उठाने के समान ही अमानवीय है।
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