राजधानी दिल्ली के एम्स में हैकिंग के बाद सोमवार को कुछ खबरोंं में दावा किया गया कि हैकर्स ने कथित तौर पर एम्स-दिल्ली से क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 200 करोड़ रुपये की मांग की है। हालांकि देर शाम दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि एम्स प्रशासन से ऐसी कोई मांग किये जाने की बात उसके संज्ञान में नहीं लाई गई है।
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दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा कि एम्स प्रशासन से ऐसी मांग किये जाने की बात सामने नहीं आई है। दिल्ली पुलिस ने बयान में कहा, "एम्स दिल्ली में कंप्यूटर हादसे को लेकर मीडिया के कुछ वर्गो द्वारा उद्धृत एम्स अधिकारियों से कोई फिरौती की मांग की बात हमारे ध्यान में नहीं लाई गई है।"
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वहीं, हैकिंग के बाद से एम्स का सर्वर छह दिनों से खराब है। इस बीच, सामान्य सेवाएं बहाल करने के बारे में एक बयान में एम्स ने कहा कि डेटा बहाली और सर्वर की सफाई का काम चल रहा है। बयान में एम्स ने कहा, "डेटा बहाली और सर्वर की सफाई प्रगति पर है। डेटा की मात्रा और अस्पताल सेवाओं के लिए सर्वरों की बड़ी संख्या के कारण इसमें कुछ समय लग रहा है।"
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एम्स के बयान में कहा गया है, "साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं। आउट पेशेंट, इन पेशेंट, प्रयोगशाला सहित सभी अस्पताल सेवाएं मैनुअल मोड पर चलती हैं।" हालांकि एम्स ने बयान में फिरौती की मांग को लेकर कुछ नहीं कहा। बुधवार 23 नवंबर की सुबह 7 बजे एम्स के प्राइमरी और फर्स्ट बैकअप सर्वर करप्ट हो गए और बाद में पता चला कि यह रैंसमवेयर हमला था।
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