मध्य प्रदेश में संक्रामक बीमारी इंफ्लूएंजा एच3एन2 ने दस्तक दे दी है। भोपाल में एक संक्रमित मरीज मिला है। उसे होम आइसोलेशन में रखा गया है। राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया है कि राजधानी में इंफ्लूएंजा का पहला केस सामने आया है, यह मरीज एच3एन2 से संक्रमित है। उन्होंने बताया है कि एम्स में उसके रक्त के नमूने की जांच कराई गई, जिसमें उसके इंफ्लूएंजा एच3एन2 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। मरीज पूरी तरह सामान्य है और वह घर पर ही है।
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सारंग के मुताबिक मरीज को सर्दी-जुकाम ही है, वह पूरी तरह स्वस्थ्य है, उसे अस्पताल में भर्ती करने की कोई जरुरत नहीं है। प्रदेश में संक्रमण एवं गंभीर श्वसन संबंधी बीमारियों जैसी इन्फ्लूएंजा की बढ़ती प्रवृत्ति के मद्देनजर सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच-1, एन-1, एच-3, एन-2) वेरिएंट की रोकथाम के निर्देश स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने पूर्व में ही सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं सिविल सर्जन को जारी किये हैं।
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उन्होंने कहा है कि सीजनल इन्फ्लूएंजा वेरिएंट के संबंध में भारत शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुसरण किया जाए। डॉ. खाड़े ने कहा कि सभी फ्लू प्रकरणों एवं सीजनल इन्फ्लूएंजा वेरिएंट की शंका होने पर तुरंत जांच कराएं तथा ओसल्टामिविर (टेमीफ्लू) शुरू की जाए। जिन स्थानों से एक्यूट रिस्पायरेट्री इन्फेक्शन के अधिक प्रकरण आ रहे हैं, उन स्थानों पर रेपिड रिस्पांस टीम भेज कर सर्वे करवाएं। छोटे बच्चे, बूढ़े व्यक्ति एवं कोमॉर्विडिटी रोगों से पीड़ित लोग अधिक सतर्क रहें।
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H3N2 वायरस के प्रकोप ने पूरे देश में चिंता बढ़ा दी है। बच्चे और बुजुर्ग तेजी से वायरल की चपेट में आ रहे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक इन्फ्लुएंजा के अधिकतर मरीजों में एक जैसे लक्षण हैं। जैसे खांसी, गले में संक्रमण, शरीर में दर्द, नाक से पानी आना। हालांकि कुछ लोगों में पेट में दर्द, उल्टी और दस्त जैसे भी लक्षण सामने आ रहे हैं।
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मेदांता के निदेशक-चिकित्सा शिक्षा डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि मुझे लगता है कि हमें लोगों को उचित व्यवहार, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले समूह के मामले में सावधान रहने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। अगर वे बाहर जा रहे हैं तो उन्हें मास्क पहनना चाहिए। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, खासकर इनडोर जगहों पर जहां वेंटिलेशन खराब हो तो संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। और वे वास्तव में अपने हाथ धो सकते थे और शारीरिक दूरी बनाए रखने की कोशिश कर सकते थे। यह केवल कुछ समय के लिए है, क्योंकि जैसा कि हमने हर साल देखा है, गर्मियां आने के बाद मामलों की संख्या में कमी आएगी। लेकिन इन्फ्लूएंजा और कोरोना वायरस दोनों फैलते रहेंगे और सावधान रहना बेहतर है और उन दोनों के लिए हमारे पास टीके हैं, इसलिए लोगों को खुद भी टीका लगवाना चाहिए।
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