गुजरात में साल 2015 में पाटीदार आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के मामले में हार्दिक पटेल को विजनगर कोर्ट ने दोषी करार दिया है। पाटीदार नेता हार्दिक को दो साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही उनपर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने हार्दिक के अलावा लालजी पटेल और आरके पटेल को भी दोषी पाया है। उनको भी दो-दो साल जेल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने 17 आरोपियों में से 3 लोगों को दोषी ठहराया है, वहीं 14 लोगों को बरी कर दिया है।
Published: 25 Jul 2018, 12:59 PM IST
मेहसाणा के विसनगर में 23 जुलाई 2015 को बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई थी। इससे पहले मेहसाणा की जिला अदालत ने 2015 में ऋषिकेश पटेल के ऑफिस पर हुए हमले के मामले में हार्दिक पटेल और लालजी पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
फैसला आने के बाद हार्दिक पटेल ने ट्वीट करके कहा, ”किसी भी मुश्किल को उसके बनाये गए लेवल पर हल नहीं किया जा सकता, उस मुसीबत को उस लेवल से ऊपर उठने पर ही हल किया जा सकता है।
Published: 25 Jul 2018, 12:59 PM IST
अगले ट्वीट में उनहोंने लिखा, “सामाजिक न्याय और सामाजिक अधिकार के लिए लड़ना अगर गुनाह है तो हां मैं गुनहगार हूं। सत्य और अधिकार की लड़ाई लड़ने वाला अगर बागी है तो हां मैं बागी हूं। सलाखों के पीछे सत्य, किसान, युवा और गरीबों के लिए लड़ने वाली मेरी आवाज को बीजेपी की हिटरलशाही सत्ता नहीं दबा सकती।”
Published: 25 Jul 2018, 12:59 PM IST
पटेल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “मेरी फितरत में है जालिमों से मुकाबला करना और हक के लिए लड़ना। जितना दबाओगे उतना ही चुनौती बन के उभरूंगा।
Published: 25 Jul 2018, 12:59 PM IST
कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीति तेज होने की संभावना है। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब 25 अगस्त से हार्दिक पटेल सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अपने समुदाय के सदस्यों को आरक्षण की मांग पर जोर देने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने जा रहे हैं
Published: 25 Jul 2018, 12:59 PM IST
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Published: 25 Jul 2018, 12:59 PM IST