उत्तराखंड के चमोली जनपद के जोशीमठ में बड़े पैमाने पर भू-धंसाव के बाद आज अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया और कई आदेश दिए। वहीं इस मामले पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 6 जनवरी को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक बुलाई है, जिसमें तमाम बड़े अधिकारी मौजूद रहेंगे।
जोशीमठ में भू-धंसाव को देखते हुए गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा सहित विशेषज्ञों की टीम द्वारा आज शाम प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया। सर्वे के बाद प्रशासन ने बताया कि अब तक कुल 561 इमारतों में दरारें देखी गईं, 38 परिवारों को स्थानांतरित किया गया है। स्थानांतरित लोगों को समायोजित करने के लिए, 70 कमरे, 7 हॉल और 1 सभागार की पहचान की गई है।
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जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। जिला प्रशासन ने हेलंग बाईपास और एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्यो पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह रोक अग्रिम आदेशों तक जारी रहेगी। इसके अलावा जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है। जोशीमठ प्रशासन ने एनटीपीसी और एचसीसी को 4000 प्री-फैब्रिकेटेड हाउस उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। जोशीमठ नगर क्षेत्र से 43 परिवारों को अस्थाई रूप से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं।
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इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भूधसाव के संदर्भ में 6 जनवरी को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे। बैठक शाम 6 बजे सचिवालय स्थित अब्दुल कलाम भवन के चतुर्थ तल पर बुलाई गई है। बैठक में मुख्य सचिव, सचिव आपदा प्रबंधन, सचिव सिंचाई, पुलिस महानिदेशक, आयुक्त गढ़वाल मंडल, पुलिस महानिरीक्षक एसडीआरएफ, जिलाधिकारी चमोली सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहेंगे। जो अधिकारी मुख्यालय से बाहर हैं, वे वीडियो कान्फ्रेंन्सिंग के माध्यम से भाग लेंगे।
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देवभूमि के ऐतिहासिक शहर जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। जोशीमठ के मारवाड़ी में पिछले कई महीनों से भूस्खलन की घटनाएं हो रही थीं। बीते साल नवंबर में जमीन धंसने से घरों में दरारें आने की घटनाएं सामने आई थीं। जिसके बाद अचानक बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-58 से लगे जयप्रकाश पावर प्रोजेक्ट की कॉलोनी के अंदर से पानी दीवारों के अंदर से और जमीन के अंदर से फूटकर निकलने लगा।
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