उत्तर प्रदेश के चर्चित आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को सरकार ने रिटायर कर दिया है। अमिताभ ठाकुर अकसर जनहित के मुद्दों को उठाते रहते हैं। उनकी पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट नूतन ठाकुर भी अक्सर कई मामलों में अपने दखल को लेकर चर्चित रहती है। सरकार ने अमिताभ ठाकुर के साथ ही दो अन्य आईपीएस राजेश शंकर और राजेश कृष्ण को भी रिटायर कर दिया गया है।
तीनों आईपीएस अधिकारियों को रिटायर करने का आदेश आज ही भेजा गया है। इनमें अमिताभ ठाकुर सबसे चर्चित नाम हैं। इसे उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी द्वारा जारी किया गया है। आदेश में लिखा गया है कि गृह मंत्रालय द्वारा पाया गया है कि 'ये लोग लोकहित में सेवा के उपयुक्त नहीं हैं।'
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सरकार कह रही है कि तीनों ही अधिकारी सेवा के काबिल नहीं थे। अमिताभ ठाकुर इस समय रूल्स एंड मैनुवल्स में आईजी के तौर पर अपनी सेवा दे रहे थे। पाठकों को याद होगा कि अमिताभ ठाकुर ने ही उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के विरुद्ध धमकी देने की एफआईआर दर्ज करवाई थी। ठाकुर हर पार्टी की सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। इस आदेश के बाद अमिताभ ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। अमिताभ ठाकुर ने कहा है, "यह अप्रत्याशित है उन्हें आज दोपहर ही इसका पता चला है। सरकार को अब मेरी जरूरत नही है। मैं विचार कर रहा हूँ कि मुझे अब क्या करना चाहिए।"
शाम को अमिताभ ठाकुर ने सेवानिवृत्ति स्वीकार करते हुए अपना पदभार छोड़ दिया और सरकारी गाड़ी और ड्राइवर को वापस कर दिया। इस बारे में उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी।
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ठाकुर के अलावा जिन दो अन्य आईपीएस को रिटायर किया गया है उनमें डीआईजी स्थापना राजेश शंकर का भी नाम हैं। शंकर पर देवरिया शेल्टर होम में संदिग्ध भूमिका का आरोप है। इसके अलावा अन्य आईपीएस राजेश कृष्ण पर आजमगढ़ में हुई पुलिस भर्ती में धांधली का आरोप है। लेकिन अमिताभ ठाकुर पर किसी तरह का कोई आरोप नहीं है।
(आस मोहम्मद कैफ के इनपुट के साथ)
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