5 जनवरी को उत्तर प्रदेश हज समिति के कार्यालय को पहले भगवा रंग से रंगने और बाद में भगवा रंग हटाने से योगी सरकार नाराज हो गई है। योगी सरकार ने इस मामले में हज समिति के सचिव आरपी सिंह पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सचिव पद से हटा दिया है। इस पद पर स्थाई तैनाती होने तक इसका कार्यभार अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक विनीत श्रीवास्तव को सौंपा गया है।
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लेकिन सवाल यह है कि योगी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा किस बात से नाराज हैं, हज कार्यालय को भगवा करने से नाराज थे या एक दिन बाद भगवा रंग दीवारों से हटाने पर नाराज हुए,क्योंकि उन्होंने हज समिति के सचिव आरपी सिंह को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। उन्होंने पूछा था कि किस आदेश और नियम के तहत हज समिति कार्यालय की बाहरी दीवारों को भगवा रंग से रंगा गया था और आखिर एक दिन बाद उसका रंग क्यों बदल दिया गया? दोबारा पुताई कराने के लिए कौन जिम्मेदार है और दोबारा हुई पुताई का खर्च या नुकसान कौन उठाएगा?
इसके बाद आरपी सिंह ने एक पत्र के जरिए भगवा रंग से पुताई पर सफाई देते हुए कहा था, “मौके का निरीक्षण करने पर पाया गया कि जो रंग दीवार पर करने के लिए कहा गया था उसमें कलरिंग को गाढ़ा कर दिया गया था, जो निर्देशों के विपरीत था। इसे तत्काल संज्ञान में लेकर निर्देशों के अनुसार कार्य को सुधारने के लिए कह दिया गया है। मामले में ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।”
आरपी सिंह ने पहले हज समिति कार्यालय की बाहरी दीवार केसरिया रंग से रंगवाई थी। कार्यालय गेट के खम्बों को गहरे केसरिया रंग से और बाकी हिस्सों को हल्के भगवा रंग से रंगा गया था। पहले यह दीवार सफेद रंग की थी।
इस मामले को लेकर विपक्ष ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने भी प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सूबे में अगर इसी तरह चलता रहा तो एक दिन हर चीज भगवा रंग में रंगी नजर आएगी। उन्होंने कहा कि किसी दिन हम देखेंगे कि मस्जिदों को भी भगवा रंग में रंग दिया गया है।
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