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सरकार ने माना किसान आंदोलन राष्ट्रव्यापी, अब 10 मार्च को चार घंटे का ‘रेल रोको’ आंदोलन होगाः पंधेर

पंधेर ने आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी में पुलिस यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि कोई भी किसान वहां से दिल्ली की ओर न बढ़े। उन्होंने कहा कि 10 मार्च को पंजाब के सभी जिलों में 'रेल रोको' आंदोलन होगा और इस दौरान वह स्वयं अमृतसर में रहेंगे।

पंधेर बोले- सरकार ने माना किसान आंदोलन राष्ट्रव्यापी
पंधेर बोले- सरकार ने माना किसान आंदोलन राष्ट्रव्यापी फोटोः सोशल मीडिया

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को दावा किया कि केंद्र ने किसानों को राजधानी पहुंचने से रोकने के लिए दिल्ली और आसपास के इलाकों में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती कर खुद स्वीकार कर लिया है कि किसान आंदोलन राष्ट्रव्यापी है। उन्होंने 10 मार्च को चार घंटे के ‘रेल रोको’ प्रदर्शन में भी शामिल होने की लोगों से अपील की है।

अंबाला के नजदीक पंजाब-हरियाणा की शंभू सीमा पर मीडिया से बातचीत करते हुए पंधेर ने कहा, ‘‘ दिल्ली में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती कर सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि विरोध प्रदर्शन राष्ट्रव्यापी है और यह पंजाब एवं हरियाणा तक सीमित नहीं है।’’ पंधेर ने दावा किया कि राजस्थान में करीब 100 किसानों को तब हिरासत में लिया गया जब वे दिल्ली जा रहे थे।

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किसान नेता पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने गत रविवार को देशभर के किसानों से आह्वान किया था कि वे छह मार्च को दिल्ली पहुंचे जबकि किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर । फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गांरटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएमए) ने ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।

दोनों मंचों ने फैसला किया कि जहां पंजाब और हरियाणा के किसान शंभू और खनौरी सीमा पर चल रहे आंदोलन का समर्थन करना जारी रखेंगे, वहीं अन्य राज्यों के किसानों और खेतिहर मजदूरों से किसानों की मांग के समर्थन में 6 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन के लिए दिल्ली मार्च करेंगे। इसके बाद 10 मार्च को चार घंटे का ‘रेल रोको’ प्रदर्शन होगा।

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पंधेर ने कहा, ‘‘हमने फैसला किया कि अन्य राज्यों के किसान रेलगाड़ी या अन्य माध्यमों से दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए पहुंच सकते हैं। सरकार कह रही है कि यह प्रदर्शन पंजाब तक सीमित है। हम पूछना चाहते हैं कि क्यों धारा-144 के तहत ‘जंतर मंतर’ और दिल्ली के अन्य हिस्सों में निषेधाज्ञा लगाई गई है, क्यों टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर अवरोधक लगाए गए हैं? इसका अभिप्राय है कि केंद्र ने स्वीकार कर लिया है कि यह प्रदर्शन केवल पंजाब और हरियाणा तक सीमित नहीं है बल्कि देशव्यापी है।’’

उन्होंने कहा कि इसीलिए उन्होंने इतनी अधिक संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया और निषेधाज्ञा लागू कर दी। उन्होंने ये भी कहा है कि वो किसानों को दिल्ली में घुसने नहीं देंगे।’ पंधेर ने कहा कि आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर वे शंभू और खनौरी सीमा पर जश्न मनाएंगे जिसमें बड़ी संख्या में महिला किसान हिस्सा लेंगी। विभिन्न मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन को मिल रहे समर्थन के बारे में उन्होंने कहा कि हरियाणा की विभिन्न खाप पंचायतों ने भी उनका समर्थन किया है।

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पंजाब और हरियाणा के अलावा अन्य किसानों से दिल्ली पहुंचने के अपने आह्वान के बारे में पंधेर ने कहा कि उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से हमारे कुछ साथी जंतर-मंतर पहुंचने में सफल रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान के कम से कम दो हिस्सों में पुलिस ने लगभग 100 किसानों को हिरासत में लिया, जिनमें एक समूह ट्रेन से दिल्ली आ रहा था। पंधेर ने दावा किया कि ऐसे कई किसान हैं जो आज देश के पूर्वी, मध्य और दक्षिणी हिस्सों से चले हैं और अगर अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में नहीं लिया तो वे अगले कुछ दिनों में दिल्ली पहुंचेंगे।

पंधेर ने आरोप लगाया कि लखीमपुर खीरी में पुलिस यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि कोई भी किसान वहां से दिल्ली की ओर न बढ़े। किसान नेता ने पुष्टि की कि 10 मार्च को पंजाब के सभी जिलों में 'रेल रोको' कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘रेल रोको प्रदर्शन के दौरान वह स्वयं अमृतसर में रहेंगे।

किसानों ने अपनी मांग को लेकर 13 फरवरी ‘दिल्ली चलो’मार्च शुरू किया था लेकिन हरियाणा की सीमा पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच 21 फरवरी को तब झड़प हुई जब किसानों ने अवरोधकों को पार कर जबरन आगे बढ़ने की कोशिश की और इस दौरान शुभकरण सिंह नामक एक युवक की मौत हो गई और 12 पुलिस कर्मी घायल हो गए।

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