हालात

स्मार्टफोन में आधार हेल्पलाइन नंबर सेव होने पर गूगल ने मानी गलती, कहा, एंड्रॉयड सिस्टम हैक नहीं हुआ

एड्रॉयड मोबाइल फोन में अचानक से आधार नंबर सेव होने पर गूगल ने अपनी गलती मानते हुए माफी मांगी है। गूगल ने बताया कि अनजाने में उससे नंबर सेव हुआ है। कंपनी ने कहा कि एड्रॉयड सिस्टम हैक नहीं हुआ है

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया  स्मार्टफोन में आधार हेल्पलाइन नंबर सेव होने पर गूगल ने मानी गलती

आम लोगों के एंड्राइड मोबाइल फोन में अचानक आधार नंबर सेव हो जाने को लेकर गूगल ने आखिरकार अपनी गलती मानी है और साथ ही इसके लिए माफी भी मांगी है। गूगल से बयान आया है कि उसकी ओर से अनजाने में ये नंबर सेव हो गया। साथ ही कंपनी ने कहा है कि एंड्राइड सिस्टम हैक होने जैसी कोई बात नहीं है। गूगल ने कहा कि उसने एंड्रॉयड फोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले शुरुआती सेटअप में यह नंबर डाला था और उसी की वजह से यह कई सारे यूजर्स के नए एंड्रॉयड मोबाइल फोन में भी ट्रांसफर होकर सेव हो गया। हालांकि, गूगल ने कहा है कि अगले कुछ हफ्तों में इसे फिक्स कर दिया जाएगा।

Published: 04 Aug 2018, 8:58 AM IST

गूगल ने लिखित बयान में कहा है, “हमने इंटरनल रिव्यू में पाया है कि साल 2014 में भारतीय स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों को दिए जाने वाले सेटअप विजर्ड में हमने उस समय का यूआईडीएआई हेल्पलाइन नंबर और आपातकाल सहायता नंबर 112 कोड कर दिया था। यह तभी से उसी में हैं। चूंकि ये नंबर किसी यूज़र की कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव होते हैं, इसलिए वे उनके नए डिवाइस के कॉन्टैक्ट्स में भी ट्रांसफर हो जाते हैं।”

बता दें कि देश में कई एंड्राइड यूजर्स के मोबाइल में आधार कार्ड का हेल्पलाइन नंबर यूआईडीआई के नाम से सेव हो है। 1800-300-1947आधार कार्ड का हेल्पलाइन नंबर है। हालांकि कुछ फोनों में ये सेव नहीं हो पाया है।

Published: 04 Aug 2018, 8:58 AM IST

इससे पहले यूआईडीएआई के ऊपर सवाल उठ रहे थे, मगर बाद में उसने कहा कि उसने किसी फोन निर्माता या दूरसंचार सेवा प्रदाता को मोबाइल फोन में अपना टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पहले से डालने के लिए नहीं कहा है। प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया कि एंड्रायड फोन में पाया जा रहा हेल्पलाइन नंबर 1800-300-1947 पुराना और अमान्य है।

इस मामले की जानकारी लगते ही लोगों ने ट्विटर पर सवाल करना शुरु कर दिया था। फ्रांस के एक सुरक्षा विशेषज्ञ इलियट एलडर्सन ने यूआईडीएआई से सीधे पूछा कि ‘कई लोग जो अलग-अलग टेलीकॉम ऑपरेटर की सर्विस यूज करते हैं। उसमें कुछ लोगों के पास आधार कार्ड है और कुछ के पास नहीं भी है। ऐसे में उनके एंड्राइड मोबाइल में यूआईडीएआई के नाम से एक नंबर सेव दिखाई पड़ रहा है। ये भला कैसे?”

Published: 04 Aug 2018, 8:58 AM IST

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: 04 Aug 2018, 8:58 AM IST