वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा 1 फरवरी को पेश बजट के बाद से शेयर बाजार में सुस्ती छाई हुई है। बजट के बाद शेयर बाजार में पहले सप्ताह के कारोबार की शुरुआत भी बेहद खराब हुई। 5 फरवरी को घरेलू बाजारों में जोरदार गिरावट के साथ बाजार की शुरुआत हुई। शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स में 500 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है।
बाजार में इस हलचल पर केंद्रीय वित्त एवं राजस्व सचिव हसमुख अधिया का कहना है कि शेयर बाजारों में भारी गिरावट की वजह, दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाना नहीं, बल्कि वैश्विक संकेतक हैं। अधिया ने कहा, “शेयरों से कमाई पर सिर्फ 10 फीसदी एलटीसीजी लगाया गया है, जिससे शेयरों में निवेश अभी भी आकर्षक बना हुआ है।” 5 फरवरी को सीआईआई के एक कर्याक्रम को संबोधित करते हुए अधिया ने कहा कि अन्य परिसंपत्तियों के मुकाबले शेयरों पर एलटीसीजी कर कम है।
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गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को आम बजट पेश करते हुए शेयरों से 1 लाख रुपये से अधिक की कमाई पर 10 फीसदी एलटीसीजी कर लगाने का ऐलान किया था। इससे सरकार को 20,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। हालांकि, 31 जनवरी 2018 तक शेयरों से होने वाली कमाई पर छूट दी जाएगी और शेयरों को एक साल तक रखने पर 15 फीसदी की दर से टैक्स लगाया जाएगा।
बीएसई का सेंसेक्स 5 फरवरी को 400 से अधिक अंकों की गिरावट के साथ खुला और 35,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे फिसल गया। जबकि एनएसई का सूचकांक निफ्टी भी 150 अंकों से अधिक की गिरावट पर खुला। बाजार विश्लषेकों का मानना है कि वैश्विक संकेतकों के साथ बैंकिंग, कैपिटल गुड्स, वाहन, तेल एवं गैस शेयरों में गिरावट से शेयर बाजार में गिरावट का रुख बना हुआ है।
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