दिग्गज अभिनेता, नाटककार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित गिरीश कर्नाड का आज सुबह 81 साल की उम्र में बेंगलुरु में निधन हो गया। खबरों के मुताबिक, उनके शरीर के कई अंगों ने काम करने बंद कर दिया, जिसकी वजह से उनका निधन हो गया। वे काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से सिनेमा और साहित्य जगत में शोक की लहर है।
गिरीश कर्नाड ने फिल्मों में अभिनय के अलावा नाटक, स्क्रिप्ट राइटिंग और निर्देशन में ज्यादातर समय दिया। उनका जन्म 19 मई, 1938 को महाराष्ट्र के माथेरान में हुआ था। उनको बचपन से ही नाटकों में दिलचस्पी थी। उन्होंने स्कूल के समय से ही थियेटर में काम करना शुरू कर दिया था। गिरीश कर्नाड ने 1970 में कन्नड़ फिल्म संस्कार से बतौर स्क्रिप्ट राइटर अपने करियर की शुरूआत की थी।
Published: 10 Jun 2019, 9:57 AM IST
गिरीश कर्नाड ने कर्नाटक आर्ट कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड में आगे की पढ़ाई पूरी की और फिर भारत लौट आए। चेन्नई में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस में 7 साल तक उन्हों काम किया। इस दौरान जब उनका काम में मन नहीं लगा तो उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद उन्होंने थियेटर में काम करने शुरू कर दिया।
Published: 10 Jun 2019, 9:57 AM IST
गिरीश कर्नाड ने थियेटर में कुछ दिनों तक काम करने के बाद शिकागो चले गए। जहां वे यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में प्रोफेसर के रूप में काम करने लगे। हालांकि कुछ ही दिनों बाद उन्होंने वहां से भी काम छोड़ दिया और भारत लौट आए। भारत लौटने के बाद वे पूरी तरह से साहित्य और फिल्मों से जुड़ गए। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में कई फिल्में बनाईं।
कर्नाड ने कई मशहूर नाटक लिखे। इनमें तुगलक, ययाति और समेत कई नाटक शामिल हैं। अपने पराये, भूमिका, डोर स्वामी, एक था टाइगर और टाइगर जिंदा है जैसी फिल्मों में उन्होंने काम किया था।
Published: 10 Jun 2019, 9:57 AM IST
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Published: 10 Jun 2019, 9:57 AM IST