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विदाई में आजाद ने नरेश अग्रवाल को बताया ऐसा ‘सूरज’ जो इधर डूबे, तो उधर निकले

राज्यसभा में कार्यकाल पूरा करने वाले सांसदों की विदाई के मौके पर गुलाम नबी आजाद ने हाल ही में सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नरेश अग्रवाल पर जमकर तंज कसा। इस दौरान सदन में काफी हल्का फुल्का माहौल रहा।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया राज्यसभा में कुछ सदस्यों के रिटायर होने के मौके पर विदाई भाषण देते सदस्य

राज्यसभा से रिटायर होने वाले 40 सदस्यों को 28 मार्च को सदन में विदाई दी गई। इस दौरान कई हल्के-फुल्के तंज और हंसी के मौके भी देखने को मिले। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी अपने भाषण में रिटायर होने वाले 40 सदस्यों को विदाई देते हुए बधाई दिया। इस दौरान उन्होंने रिटायर हो रहे सदस्यों में शामिल और हाल ही में सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नरेश अग्रवाल पर हल्के अंदाज में तंज भी कसा।

अपने भाषण में आजाद ने कहा, “'हम नरेश अग्रवालजी को हमेशा याद रखेंगे। नरेश अग्रवाल जी एक ऐसे सूरज हैं, जो इधर डूबे, उधर निकले, इधर निकले, उधर डूबे।” आजाद ने संसद के अंदर और बाहर दोनों ही जगह अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले अग्रवाल पर बीजेपी को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा, “मुझे पूरा यकीन है कि वह जिस पार्टी में गए हैं, वह उनकी क्षमता का और उनकी भाषा का जो पूरा योगदान रहा है, उसका पूरा उपयोग करेगी।” हालांकि आजाद ने ये भी कहा कि विपक्ष नरेश अग्रवाल को बहुत मिस करेगा, क्योंकि वह एक ऐसे सांसद रहे हैं जो दिन में करीब 6 बार बोलते थे।

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अपने भाषण में गुलाम नबी आजाद ने रिटायर हो रहे सदस्यों को बधाई देते हुए कहा कि यह विदाई है जुदाई नहीं, यह तत्कालिक है। उन्होंने कहा, “नेता कभी रिटायर नहीं होते हैं। मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने दोनों सदनों को मिलाने का काम किया।” उन्होंने कहा कि इस देश में लोकतंत्र को किसी ने जिंदा रखा है तो वह सासंद और विधि निर्माता ही हैं। सांसद अपने वेतन के लिए नहीं, बल्कि पानी, बिजली, बैंकों की लूट के लिए लड़ रहे हैं। आजाद ने कहा, “आवाज उठाना विपक्ष का धर्म होता है। हम किसानों की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम बेरोजगारों, दलितों और महिलाओं की आवाज उठाते हैं।”

गुलाम नबी आजाद के बाद बारी प्रफेसर रामगोपाल यादव की थी। हालांकि, उन्होंने नरेश अग्रवाल का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों-इशारों में ही उनपर तंज कसते हुए कहा, “विदा ले रहे सदस्य जिस राजनीतिक दल में भी रहें, निष्ठा से रहें। ऐसा करने पर पार्टी उन्हें इस सदन या उस सदन में लेकर आएगी और वह समाजसेवा का काम कर सकेंगे।”

वहीं, अपनी बारी आने पर हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए नरेश अग्रवाल ने पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का शुक्रिया अदा किया और इशारों-इशारों में टिकट भी मांग लिया। अपने भाषण में अग्रवाल ने कहा, “मैंने अमित शाह और पीएम मोदी के बारे में कई बार गलत शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने मुझे पार्टी में स्वीकार किया है, इसके लिए मैं इनका धन्यवाद करता हूं। अग्रवाल ने आगे कहा कि मेरे अंदर कुछ तो विशेषता या चतुराई होगी, जिसकी वजह से मैं यहां तक पहुंचा। इसके साथ ही अग्रवाल ने अपने भविष्य की तरफ इशारा करते हुए कहा कि “मैंने कभी रिटायर होने के बारे में नहीं सोचा था।” उन्होंने कहा कि अगर मुझे मौका मिला तो किसी सदन में दोबारा आऊंगा। साफ है कि उन्होंने इशारों-इशारों में बीजेपी को संकेत दे दिया है कि राज्यसभा या लोकसभा में दोबारा आने के इच्छुक हैं। जानकार बता रहे हैं कि एक तरह से नरेश अग्रवाल ने अपनी तरफ से टिकट की मांग कर दी है।

इस मौके पर पीएम मोदी ने भी रिटायर हो रहे सदस्यों को विदाई दी। पीएम ने भी अपने भाषण में तंज के तीर चलाने की जमकर कोशिश की और सदन में हंगामे को लेकर विपक्षी सांसदों को सुना भी गए। मोदी ने सदन के गतिरोध पर तंज कसते हुए कहा कि बहुत लोग होंगे जिनकी आखिरी सत्र में इच्छा रही होगी कि सदन के ऐतिहासिक फैसलों में शामिल होकर विदाई लें, लेकिन यह सौभाग्य उन्हें नहीं मिल सका। पीएम ने कहा कि सालों तक यह कमी विदा हो रहे सांसदों को सालती रहेगी।

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