गाजियाबाद की गौर होम सोसाइटी की लिफ्ट में सोमवार को 9 लोग फंस गए। अचानक लिफ्ट बंद होने के चलते यह करीब 15 मिनट तक अंदर चिल्लाते रहे। जैसे-तैसे इन्हें मैनुअल तरीके से लिफ्ट खोलकर बाहर निकाला गया।
इस घटना को लेकर रेजिडेंट्स में आक्रोश है। उनका कहना है कि मेंटीनेंस के नाम पर हर साल लाखों रुपया इकट्ठा होता है। बावजूद इसके आए दिन लिफ्ट खराब होती रहती है। उन्होंने यूपी में लिफ्ट एक्ट बनाने की मांग की है। रविवार को नोएडा आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी होम बायर्स ने मिलकर लिफ्ट एक्ट की मांग की थी।
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घटना सोमवार शाम करीब 5 बजे की है। लिफ्ट में 9 महिला-पुरुष सवार थे। वह ग्राउंड फ्लोर से ऊपर की तरफ जा रहे थे। अचानक 5वें और 6वें फ्लोर के बीच लिफ्ट बंद हो गई। लिफ्ट के किसी भी बटन ने काम करना बंद कर दिया। लिफ्ट में बंद लोगों ने शोर मचाया, तो सिक्योरिटी गार्ड और अन्य रेजिडेंट्स इकट्ठा हुए। इसके बाद लिफ्ट को जैसे-तैसे खोलकर उन्हें बाहर निकाला गया। लोगों का आरोप है कि सोसाइटी में मोटा मेंटेनेंस दिया जाता है। उसके बावजूद लिफ्ट का रखरखाव नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह से यह घटनाएं हो रही है। इन बढ़ती घटनाओं की वजह से ही लिफ्ट एक्ट की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
किसी भी सोसाइटी में लिफ्ट में इस तरीके से हुई घटना के बाद अगर मामला दर्ज कराया भी जाता है, तो कोई एक्शन नहीं लिया जाता। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद समेत राज्य के तमाम जिलों में बहुमंजिला हाउसिंग सोसायटी हैं। इन इमारतों में आने जाने के लिए लिफ्ट और एलिवेटर पर निर्भर रहना पड़ता है। उत्तर प्रदेश में अभी तक लिफ्ट और एलिवेटर से जुड़ी व्यवस्था व संचालन को नियमित करने के लिए कानून नहीं है। उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट पिछले कई सालों से लंबित है।
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