'घर आजा परदेसी, तेरा वोट बुलाए रे'। जी हां, कुछ इसी तर्ज पर चुनाव आयोग ने झारखंड के प्रवासी मजदूरों से फोन पर संपर्क कर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित करने का फैसला किया है। इसे लेकर चुनाव आयोग कार्यालय में गुरुवार को श्रम विभाग के अफसरों के साथ बैठक भी की गई।
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झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने प्रवासी मजदूरों का डेटा आयोग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। श्रम विभाग की ओर से बैठक में बताया गया कि उनके पास 1 लाख 70 हजार प्रवासी मजदूरों का डेटा है, जिसमें उनके मोबाइल नंबर भी हैं।
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मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को उनके मोबाइल नंबर पर बल्क मैसेज भेजकर उनसे चुनाव महापर्व में भागीदारी करने और मतदान के लिए प्रेरित किया जाएगा। बैठक में शामिल गृह विभाग के अधिकारियों से मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि वे विभिन्न सिक्योरिटी एजेंसियों से संपर्क कर उसमें कार्यरत कर्मियों को मतदान के लिए प्रेरित करें।
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गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास 416 सिक्योरिटी एजेंसियों का डेटा है। वे इन एजेंसियों को स्पीड पोस्ट से पत्र भेजकर उनके यहां कार्यरत प्रवासी कर्मियों को मतदान के लिए प्रेरित करने को कहेंगे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने अधिकारियों से कहा कि सिक्योरिटी एजेंसियों को आरपी एक्ट के तहत कर्मियों को सवैतनिक अवकाश देते हुए मतदान में शामिल कराने के लिए प्रेरित करें।
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