कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने यूपी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, “ बीजेपी सरकार न तो महिला सम्मान और न ही महिला सुरक्षा में विश्वास करती है। यही कारण है कि पिछले 5 सालों में महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।”
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उन्होंने आगे कहा, “महिलाओं के खिलाफ इन अपराधों में बीजेपी के नेता-विधायक तक शामिल रहे हैं। कानूनी व्यवस्था ने इन बलात्कारियों और गुनहगारों के सामने घुटने टेक दिया। साफ कहा जाए तो, जहां-जहां बीजेपी सरकार है, वहां महिलाओं पर वार हुए हैं।”
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उन्होंने कहा, “बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में लिखा कि हम ऐसा कानून लेकर आएंगे, जिसके आधार पर महिलाओं के खिलाफ इन अपराधों में मजबूती आए। लेकिन हापुड़ में यूपी पुलिस से न्याय न मिलने का कारण पीड़ित महिला द्वारा खुद को जला लेना बीजेपी सरकारों की सुस्त कार्यप्रणाली का प्रतीक है।”
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हापुड़ कांड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “अक्टूबर 2018 से लेकर 28 अप्रैल 2019 तक यूपी पुलिस ने उस पीड़ित महिला की शिकायत तक दर्ज तक नहीं की। बीजेपी बलात्कारियों की पैरोकार, पनाहगार और प्रवक्ता बनी हुई है।”
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बता दें कि हापुड़ में एक महिला ने अपने साथ हुए गैंगरेप को लेकर पुलिस से कई बार शिकायत की थी। लेकिन उसकी शिकायत पर पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं हुई। इससे आहत होकर खुद को आग के हवाले कर दिया। पीड़िता की हालत गंभीर है और उसे दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सरकारी अस्पताल में भर्ती पीड़ित महिला का कहना है, “काश कि मैं मर जाती। कोई भी इस तरह के जख्मों को नहीं झेलना चाहता। लेकिन, अब जबकि मैं जल चुकी हूं, तो लोग कम से कम मेरा रेप तो नहीं करेंगे।”
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बता दें कि इस मामले में दिल्ली महिला आयोग के दखल के बाद हापुड़ की बाबूगढ़ पुलिस ने सरपंच समेत 14 लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का नामजद मुकदमा दर्ज किया है।
गौरतलब है कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मामले का संज्ञान लेकर 11 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था और महिला के लिए न्याय की मांग की थी। उन्होंने पत्र में कहा था, ‘पीड़िता को हापुड़ में पुलिस के हाथों असहनीय उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, बार-बार शिकायत करने पर भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। यूपी पुलिस के संवेदनहीन और शर्मनाक रवैये की वजह से पीड़िता ने खुद को आग के हवाले कर लिया।”
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पत्र के अनुसार पीड़िता को कथित रूप से 10 हजार रुपये के लिए हापुड़ के एक शख्स को बेच दिया गया था। उस शख्स ने कई लोगों से कर्ज लिया हुआ था और बदले में वह पीड़िता को बिना मेहनताना के उनके यहां घरेलू काम करने के लिए मजबूर करता था। वहां पीड़िता के साथ कई बार उत्पीड़न और सामूहिक बलात्कार हुआ।
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