उत्तर प्रदेश में एक बार फिर स्वास्थ्य महकमे की पोल खुल गई है। राजधानी लखनऊ में रविवार को राजभवन के बाहर एक साढ़े चार माह की गर्भवती महिला ने सड़क किनारे ही बच्चे को जन्म दे दिया। बच्चे की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण महिला रिक्शे से अस्पताल जा रही थी। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद योगी सरकार ने इस पर संज्ञान लेने की बात कही है।
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घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने पर समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। यादव ने आरोप लगाया कि यह घटना एम्बुलेंस की अनुपलब्धता के कारण हुई। उन्होंने कहा कि लाखों विज्ञापनों और दावों के बावजूद राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली वेंटिलेटर पर है। रिक्शा से अस्पताल जा रही एक गर्भवती महिला को एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण राजभवन के पास सड़क किनारे प्रसव कराने को मजबूर होना पड़ा। यह पूरी व्यवस्था के लिए शर्मनाक है और यह राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत है।
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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस घटना की पुष्टि की है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मैंने घटना पर संज्ञान लिया है और मैं घटनास्थल पर जा रहा हूं। प्रधान सचिव ने मुझे बताया है कि यह घटना राजभवन के गेट नंबर 13 के पास हुई है। परिवार रिक्शा में जा रहा था। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महिला ने अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं, बल्कि रिक्शा लेने का फैसला किया, लेकिन जब राजभवन के बाहर कुछ राहगीरों ने एम्बुलेंस को फोन किया तो वह 25 मिनट में पहुंच गई।
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सड़क पर प्रसव के बाद बच्चे को वीरांगना झलकारी बाई वुमेन एंड चाइल्ड हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में उसे लखनऊ के बैकुंठ धाम में दफनाया गया। वीरांगना झलकारी बाई वुमेन एंड चाइल्ड हॉस्पिटल के प्रसव कक्ष में तैनात एक डॉक्टर ने कहा कि घटना के बाद महिला रूपा सोनी की अस्पताल में जांच की गई।
डॉक्टर ने कहा, ''इससे पहले महिला दर्द का अनुभव होने पर लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल गई थी, जहां उन्हें एक इंजेक्शन लगाया गया था, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। जिसके बाद रास्ते में राजभवन के बाहर उसका प्रसव हो गया। बच्चे को मृत अवस्था में यहां लाया गया था।
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